भारतीय अर्थव्यवस्था दस ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हो सकती है-पनगाढियां

Business Desk अगले डेढ दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था दस ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता रखता है। इस बात का आंकलन नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने समारोह में किया। पनगढ़िया  फिक्की में आयोजित भारत चीन निवेश सम्मेलन को संबोधित कर रह थे। भारत की फिलहाल 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था है।

अरविंद पनगढ़िया ने  भारत और चीन की अर्थव्यवस्था तुलना की। उन्होने दोनो अर्थव्यवस्था को विश्व की तेजी से बढती हुई  अर्थव्यवस्था बताया । पनगढीया ने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था ने थोड़ी देर से तेज वृद्धि के साथ बढ़ना शुरु किया है, लेकिन अब इसके पास क्षमता है । वर्तमान मे भारत की जीडीपी 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की है और इसके पास अगले डेढ दशक मे इसे बढ़ाकर दस ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावनाएं हैं।

कैसी बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

नीति आयोग अगले 15 सालों के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था दस ट्रिलियन डॉलर की  विजन ब्लूप्रिंट तैयार कर रहा है। विजन ब्लूप्रिंट के जरिए विकासशील भारत के लिए एक रोडमैप तैयार  हो रहा है। सभी क्षेत्रो में विकास के साथ एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रुप में भारत उभरने की क्षमता रखता है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का मध्यम वर्ग बड़ा बाजार है देश दुनिया के लिए।

 

भारतीय अर्थव्यवस्था दस ट्रिलियन डॉलर की कैसे बनेगी

पनगढिय़ा ने कहा, कि उभरती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत और चीन दोनों एकसाथ सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने और 2.6 अरब लोगों के जीवन सुधार में योगदान देकर विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं।’ पनगडिय़ा ने कहा कि भारत चीन के साथ व्यापार एवं निवेश संबंध हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है। पिछले साल दोनों देशों के करीब 71 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ इसके साथ ही चीन भारत का प्रमुख व्यापारिक भागीदार बनने की राह पर है।

सरकार ने परिधान क्षेत्र में निश्चित अवधि वाला रोजगार शुरू किया

द्विपक्षीय व्यापार प्रवाह में बड़े अंतर को सही करने के सतत तरीको की खोज आवश्यक है। आपसी निवेश से दोनों पक्षों के कारोबारियों को एक-दूसरे से मिलने-जुलने का मंच मिल रहा है। अरविंद ने कहा कि सरकार अपना काम करेगी, लेकिन दोनों पक्षों के कारोबारी जगत को विकास प्रक्रिया का मुख्य कारक बनने के विकल्पो को तलाशना होगा।

एनडीआरसी के अध्यक्ष शु शाओशी ने कहा कि भारत चीन के बीच निवेश संबंधों को मजबूत बनाने के लिए क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाया जा सकता है। इस संदर्भ में चौथे भारत-चीन रणनीतिक आर्थिक वार्ता में दोनों देशों की कंपनियों के बीच 16 अनुबंध किये  हैं। पिछले 15 साल में चीन दो हजार अरब डॉलर से बढक़र एक लाख अरब डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था बना है ऐसे में भारत के लिए सुनहरा मौका है चीन के अनुभवो और भारत के मौको को परीक्षण कर लागू करने का।

 

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