भारतीय गोरी लड़कियों को ही हीरोइन के रूप में पसंद करते हैं ,स्वेता तिवारी
जो दर्शक फिल्म देखने आते हैं, उन्हें गोरी हीरोइन ही पसंद आती है. वे काली लड़कियों को परदे पर हीरोइन के रूप में देखना पसंद नहीं करते. इस सोच में बदलाव की जरूरत है.’ यह करना है श्वेता तिवारी का
मध्यप्रदेश आई श्वेता ने आगे कहा कि भारत में लोगों की मानसिकता ही ऐसी है कि हमें गोरी-चिट्टी लड़कियां ही सुंदर दिखती हैं. किसी सांवली लड़की के नैन-नक्श भले ही कितने भी खूबसूरत हों. लेकिन उसे सुंदर नहीं माना जाता.’
फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ (1978) की मिसाल देते हुए कहा कि हिन्दी फिल्मों में हीरोइन के मन की सुंदरता को भी प्रमुखता से दिखाया जाता रहा है. लेकिन ज्यादातर दर्शक इस तरह की सुंदरता को परदे पर देखना पसंद नहीं करते.
उन्होंने इन दिनों भोजपुरी फिल्मों में दिखायी नहीं देने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मैंने अब तक केवल तीन भोजपुरी फिल्मों में अभिनय किया है. मैंने इसके बाद किसी भोजपुरी फिल्म के अनुबंध पर इसलिये दस्तखत नहीं किये, क्योंकि मुझे अच्छे रोल की पेशकश नहीं की गयी.’
रियलिटी शो ‘बिग बॉस-4’ की विजेता ने कहा, ‘मैं स्पष्टवक्ता हूं और घुमा-फिराकर बात नहीं कर सकती. लिहाजा मेरे जैसा इंसान राजनीति नहीं कर सकता.’