मध्य प्रदेश में किसान कर्ज चुकाने के लिए 35000 रु में बच्चों को बेच रहे हैं ?
मध्य प्रदेश में किसान कर्ज चुकाने के लिए 35000 रु में बच्चों को बेच रहे हैं ?
नई दिल्ली। सूखाग्रस्त इलाकों के किसानों की खुदकुशी के बचे किसान अब बेमौसम बारिश के कारण फसल तबाही के कर्ज में डूबे किसान अपने बच्चो को बेचने पर मजबूर हैं. मध्य प्रदेश के किसान अब गुजर-बसर के लिए बच्चों को बेच रहे हैं। राॅयटर्स की एक रिर्पाट में मध्य प्र्र
देश के मोहनपुरा गांव के सभी किसान लाल सिंह की व्यथा सामने आई हैं. बेमौसम भारी बारिश और ओले गिरने के कारण तबाह हुई फसलों को लेकर कर्ज में डूब गयी लाल सिंह ने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए एक ही चारा नजर आया। उन्होंने 35000 रुपये में अपने दो बेटों को गड़ेरिये को एक साल के लिए बेच दिया।
मोहनपुरा में एक इंटरव्यू के दौरान सिंह ने बताया, मैं कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं था। इसके अलावा जीवन-यापन और फसल लगाने के लिए और भी पैसों की जरूरत थी। उसने बताया कि उसे पता था कि बच्चे को बेचना अवैध है और उन बच्चों का शोषण किया जायेगा और क्रूर स्थिति में काम करने के लिए विवश होना पड़ेगा। बेमौसम बारिश से तबाह हुई फसलों के कारण मध्य प्रदेश में लोगों पर वित्तीय दबाव बढ़ गया है जिससे लोग खुदकुशी और बच्चों के बेचने पर मजबूर हो रहे हैं।
पांच बच्चों को बचाया गयाः
हरदा जिला के जिला कलक्टर रजनीश श्रीवास्तव के मुताबिक, अथॉरिटीज ने खरगोन और हरदा जिलों के रहने वाले पांच बच्चों को अप्रैल में जबरन मजदूरी से बचाया। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे और भी मामले हो सकते हैं जिसमें किसान अपने बच्चों को बेच रहे हों। उन्होंने बताया, यह बहुत ही चिंता की बात है कि किसान अपने कर्जों को चुकाने के लिए अपने बच्चों को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। हम बच्चों की इस तरह तस्करी और शोषण होने नहीं होने देंगे। श्रीवास्तव ने बताया कि जिन पांच बच्चों को बचाया गया उनमें लाल सिंह के दो बच्चे सुमित जो 12 साल है और अमित जो 11 साल का है और यह दोनो भी शामिल थे। दोनों भाई गड़रिये के यहां से भाग निकले और एक स्थानीय आदमी के घर में शरण ली। अधिकारियों ने बताया कि आरंभ में दोनों बच्चे यह सोचकर अपने घर आने से कतरा रहे थे कि उनके माता-पिता की प्रतिक्रिया क्या होगी? अब दोनों लड़के अपने घर वापस आ गये हैं। अमित ने बताया, श्हमारा काम भेड़ और अन्य जानवरों की देखभाल करना था। गड़रिया हमें छोटी-छोटी बातों पर बुरी तरह से मारता था। हमें दिन में दो बार भी खाना नहीं दिया जाता था। जब हालत बर्दास्त बाहर हो गई तो हमने हिम्मत की और भाग निकले।श्रीवास्तव ने बताया, अथॉरिटीज ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं। जिस गड़ेरिये ने पांच बच्चों को कथित रूप से खरीदा था उस पर बच्चों को अवैध तरीके से बंदी बनाकर रखने का आरोप लगा है और उस पर मुकदमा चल रहा है।
भारत में खराब मौसम के फसलों के कारण फसलों को नुकसान पहुंचने का सिलसिला जारी है और इससे किसानों के बीच आत्महत्या की दर खतरनाक रूप से बढ़ रही है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य मध्य प्रदेश है। यहां करीब 570000 हेक्टेयर के क्षेत्र में बोई गई रबी की फसलें गेहूं, और ठंड के मौसम में बोई जाने वालीं और बसंत में काटे जाने वाली असमय वर्षा और ओले के कारण बर्बाद हो गईं। राज्य पुलिस और रेवेन्यू अधिकारियों के मुताबिक सिर्फ फरवरी से मई 2015 के बीच मध्य प्रदेश में करीब 40 किसानों की मौत तनाव संबंधी कारणों या आत्महत्या के कारण हुई है।