रुठे मानसुन की आहट, राजस्थान सरकार ने दिए संसाधनो के आंकलन और इंतजाम के निर्देष
By admin - शनि जुला 21, 1:28 अपराह्न
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20 जुलाई जयपुर
देश के कई इलाको में मानसुन के रुठने से कई राज्य सरकारो की परेशानी खडी हो गई है. देश के सबसे बडे भूभाग वाला राजस्थान में हालत खराब है. वर्तमान में राज्य के 3496 गांवों व 43 कस्बों में टेंकरों द्वारा प्रतिदिन लगभग दस हजार फेरों (ट्रिप) से परिवहन कर पेयजल आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में प्रदेष में मानसून, खरीफ की फसलों की बुवाई, पेयजल आपूर्ति तथा आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने मनरेगा में श्रमिकों को 100 दिन के रोजगार करने वालो को 100 दिन और रोजगार उपलब्ध कराए जाने का सिफारिशी चिट्ठी भारत सरकार को भेजी है. इस प्रस्ताव में श्रमिकों को तीन चौथाई भुगतान काम के बदले अनाज की तर्ज पर दिए जाने के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है।
बैठक में मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र से राज्य में 22 से 27 जुलाई तक प्रदेषव्यापी वर्षा होने की संभावना है। विभाग का आंकलन है कि मानसून के इस दूसरे दौर में प्रदेश में खेती के लिए पर्याप्त वर्षा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल, बिजली, पशुओं के लिए चारे-पानी की आवश्कता का अभी से आंकलन कर तमाम इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए है ।
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