रुपया के मेड इन इंडिया बनने की प्रक्रिया शुरु

नोटों की छपाई के लिए फिलहाल कागज का इंपोर्ट होता था लेकिन अब नोटों की छपाई देसी कागज पर होगी और इसके लिए कागज की पहली खेप कर 1000 रुपय के नोटो की छपाई शुरु हो गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली मध्यप्रदेश के होशांगाबाद से छपाई के लिए कागत, करेंसी नोट प्रेस नासिक के लिए रवाना  किया. होशंगाबाद के बाद मैसूर में भी बड़े करंसी के पेपर तैयार किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने होशंगाबाद में 495 करोड़ रुपये की लागत वाली नोट पेपर फैक्ट्री का उद्घाटन किया जहां एक हजार रुपये के करंसी नोट के लिए पेपर तैयार होना शुरू हो गया है। इस फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता 6000 टन है।

नई पेपर फैक्ट्री सिक्यॉरिटी प्रिंटिंग ऐंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि.(एसपीएमसीआईएल) द्वारा शुरू किए बैंक नोट पेपर के देशीकरण का एक हिस्सा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसके अलावा सिक्यॉरिटी प्रिंटिंग ऐंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने बैंक नोट पेपर मिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर एक संयुक्त उपक्रम के तहत मैसूर में 12 हजार टन की क्षमता वाली पेपर मशीन की दो अतिरिक्त फैक्ट्रियां लगाई गई हैं, जिनमें व्यावसायिक उत्पादन इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा।

इस प्रकार नोटों के लिए देसी कागज की छपाई की कुल क्षमता 18 हजार टन हो जाएगी। न्यू बैंक नोट पेपर लाइन का शिलान्यास दिसंबर 2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने किया था तथा इसके तैयार होने तक पूरी परियोजना पर 495 करोड़ रुपए का खर्च आया है।

इस नोट फैक्ट्री में विशिष्ट सुविधाओं से युक्त प्रयोगशाला होगा और ऑनलाइन क्वॉलिटी मॉनिटरिंग एवं कंट्रोल सिस्टम होगा। पानी और बिजली के उपभोग को कम करने के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह फैक्ट्री सभी मूल्य वर्ग के 3 डी वॉटर मार्क वाले बैंकनोट पेपर की मैन्युफैक्चरिंग करने की क्षमता रखती है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *