दशक भर की दुश्मनी कुछ घंटों में बदली सौहार्द में

दशक भर की दुश्मनी कुछ घंटों में बदली सौहार्द में
जयपुर, 2 जून। राज्य सरकार द्वारा बहुआयामी ग्राम्य कल्याण को मूर्त रूप देने तथा ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए चलाए जा रहे राजस्व लोक अदालत अभियान – न्याय आपके द्वार शिविर तमाम प्रकार की रंजिशों को भुलाकर आत्मीय प्रेम एवं सौहार्द की धाराएं बहाने वाले सिद्ध हो रहे हैं।
इन शिविरों में कई पुराने मामलों के निपटारे से सभी पक्षों में बरसों से चल रहा मनमुटाव और दुश्मनी चन्द घण्टों में खत्म होकर सौहार्द का सुकून ग्रामीण प्राप्त कर रहे हैं। पारिवारिक, सामुदायिक एवं सामाजिक समरसता स्थापित करने और ग्राम्य भाईचारे की बुनियाद को मजबूती देने की दिशा में ये शिविर उल्लेखनीय उपलब्धियों का इतिहास रच रहे हैं।
राजसमन्द जिले में इन शिविरों ने कई वादी-प्रतिवादियों की ईष्र्या और द्वेष को भुलाकर प्रेम के साथ रहने का संदेश दिया है जो इनके जीवन के लिए किसी यादगार तोहफे से कम नहीं।
राजसमन्द जिले की नाथद्वारा तहसील अन्तर्गत बामनहेड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर गुरुवार को आयोजित न्याय आपके द्वार शिविर में इसी तरह का एक मामला निस्तारित किया गया जिसने दस साल पुरानी दुश्मनी को बाय-बाय कर दिया।
मामले के अनुसार गोरधनसिंह पिता धुलसिंह निवासी खेडाना तहसील नाथद्वारा द्वारा प्रतिवादीगण लक्ष्मणसिंह व अन्य के विरुद्ध ग्राम खेडाणा स्थित कृषि भूमियों के विभाजन के लिए दो राजस्व वाद 21 मार्च 2007 से नाथद्वारा के उपखण्ड अधिकारी न्यायालय में चल रहे थे। वादी एवं प्रतिवादीगण के बीच आपसी मनमुटाव के कारण ग्राम खेड़ाणा स्थित भूमियों का विभाजन नहीं हो पा रहा था।
राजस्व लोक अदालत अभियान – न्याय आपके द्वार के  अन्तर्गत गुरुवार को ग्राम पंचायत बामनहेड़ा में आयोजित कोर्ट केम्प में शिविर प्रभारी उपखण्ड अधिकारी सुश्री निशा ने पूरे प्रकरण में सुनवाई की। शिविर प्रभारी की वादी एवं प्रतिवादीगण को आपसी समझाईश रंग लाई और दस साल पुराने दोनों प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया।
एक दशक पुराने प्रकरणों में एक ही दिन में निपटारे से मिली राहत पर दोनों पक्ष खुश हो उठे और उनका वैरभाव आत्मीयता में बदल गया। वादी एवं प्रतिवादीगण ने इसे अपने जीवन की उपलब्धि बताते हुए सरकार के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि आज वे सभी लोग अपने आपको भारमुक्त महसूस कर रहे हैं।

Related posts

Leave a Comment Cancel reply