न रेल आई और ना ही बजट … वाह रे..ल बजट, मोदी सरकार का विजन लेट तो नही हो गया ..

संसद में मोदी सरकार के रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पहला रेल बजट पढ दिया. बजट में वही पुरानी बाते , सुरक्षा, साफसफाई,यात्रियो को ज्यादा सुविधाए मिलने जैसे कई वायदे किये गये है. ये वादे आजादी के बाद पहले रेल बजट से अलग सिर्फ शब्दो में हैं. बाकी हकीकत से रुबरु होने में न रेल मंत्री को दिलचस्पी है और न ही सरकार को …

मोदी सरकार के पिछले रेल मंत्री की जगह नए आए सुरेश प्रभु शायद मंत्रालय को ज्यादा समझे नही है, उन्हे वक्त भी कम मिला होगा. फिर अफरशाही से काम करवाने की चुनौती भी उनके सामने है. मोदी रेल से उम्मीद थी गाडियो की स्पीड बढने , लम्बी लाईनो से निजात, और गंदगी से मुक्ति, लेकिन मैक इन इंडिया , स्वच्छ भारत , डिजीटल इंडिया जैसी बाते चुनावी जुमला तो नही बन गई ऐसा लगने तो नही लगा.

बजट की मुख्य बातो को देखा जाए तो आकडो में उलझाने के सिवाए कुछ नही. ढर्रा वही सपने दिखा कर एक साल का वक्त लेकर अगले बजट से पहले खानापूर्ति में लग जाए.

  • साफ-सफाईस्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छ रेल बनाने के कार्यक्रम पर जोर, 120 स्टेशनों की तुलना में 650 अतिरिक्त स्टेशनों पर नये शौचालय बनाये जाएंगे
  • बिस्तर-बिस्तरों के डिजाइन के लिए निफ्ट दिल्ली से संपर्क किया जाएगा, इसके अलावा चुनिंदा स्टेशनों पर डिस्पोजेबल बिस्तर की ऑनलाइन सुविधा प्रदान की जाएगी
  • हैल्प लाइन-यात्रियों की समस्याओं का वास्तविक समय के आधार पर निराकरण के लिए अखिल भारतीय चौबीस घंटे सातों दिन हैल्प लाइन नं. 138 की शुरुआत की जाएगी
  • टिकट- अनारक्षित यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए पांच मिनट के भीतर टिकट खरीद सुनिश्चित करने के लिए ऑपेरशन फाइव मिनट।
  • खानपानई-कैटरिंग की सुविधा और अधिक रेलगाड़ी में बढ़ाई जाएगी
  • प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करना चल टिकट परीक्षकों को हैंड हेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए जाएंगे। जिनका उपयोग यात्रियों का सत्यापन और चार्टों को डाउनलोड करने के लिए किया जा सकेगा। एकीकृत ग्राहक पोर्टल तैयार किया जाएगा। एसएमएस अलर्ट सेवा शुरू की जाएगी।
  • निगरानी महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए पायलट आधार पर मेनलाइन के चुनिंदा सवारी डिब्बों और उपनगरीय गाड़ियों में महिलाओं की डिब्बों में निगरानी रखने के लिए कैमरा लगाए जाएंगे, ऐसा करते समय उनकी प्राइवेसी का भी ख्याल रखा जाएगा।
  • मनोरंजन साधारण श्रेणी के सवारी डिब्बों में मोबाइल फोन को चार्ज करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • गाड़ी क्षमता में वृद्धि – 24 सवारी डिब्बों के स्थान पर 26 सवारी डिब्बे जोड़ें जाएंगे।
  • आरामदायक यात्रा- ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ियों का मौजूदा सीढ़ियां, जो यात्रियों के लिए असुविधाजनक हैं को बदल कर उसके स्थान पर यात्रियों के लिए सुविधाजनक सीढ़ियों की व्यवस्था का प्रस्ताव

अब ये देखने की बात होगी की आने वाले आम बजट कैसा होगा. आम आदमी के लिए मोदी राज में  रेल तो लेट हो गई अब आम बजट की बारी है.

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