जयपुर : दिल्ली से आये पत्रकारों के दल ने में नवनिर्मित अत्याधुनिक “अभय कमाण्ड सेंटर” का अवलोकन किया।
पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने अवलोकन के दौरान पत्रकाराें को बताया की आमजन की सुरक्षा एवं सहायता के संबंध में अत्याधुनिक तकनीकी संसाधनों, वीडियो सर्विलांस, 100 नंबर डायल सिस्टम, डिस्पेचर व फोरेंसिक तकनीक तथा आई.टी.एम.एस. सिस्टम एवं कार्यप्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी दी, साथ ही महिला सुरक्षा एप्प, महिला गरिमा, पुलिस व्हाट्सएप हेल्पलाइन एवं सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन तथा एप के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस कंट्रोल रूम के जरिये अपराध नियंत्रण के साथ -साथ यातायात प्रबंधन में भी मदद मिलेगी। पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय)गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि जयपुर शहर में लगे कुल 450 सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग देखने के लिये कंट्रोल रूम में एलसीडी स्क्रीन के साथ ही नये कम्प्यूटर व सॉॅफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। इससे इसकी कार्यक्षमता दो गुनी हो गयी है। शहर में आने जाने के प्रमुख मार्गों व हाइवे पर लगे सीसीटीवी कैमरों को जोडा गया है। इन कैमरों में नाइट विजन भी है। इनकी रिकार्डिंग एक माह तक सुरक्षित रखी जायेगी। वारदात करके भाग रहे बदमाश की रिकार्डिंग आने पर फेस डिटेक्शन सॉफ्टवेयर से उसकी पहचान की जा सकती है। कंट्रोल रूम में कॉल रिसीव करने के लिये 16 रिसीवर कार्य कर रहे है। वायरलैस सिस्टम को भी अपगे्रड किया गया है।
पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) ने संपत्ति संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से तैयार किए गए एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरूस्कृत क्राईम हॉट स्पॉट एनालिसिस सॉफ्टवेयर का प्रजेेंटेशन भी दिया।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त कंट्रोल रूम कमल शेखावत ने बताया कि इस कंट्रोल रूम में 250 पुलिसकर्मी 3 पारियों में कार्य कर रहे है। कमिश्नरेट के गश्ती
वाहनों ”चेतक“ में भी नये टेब लगाये गये है। इस पर घटना, घटनास्थल, संबंधित व्यक्ति के फोन नंबर के साथ अन्य जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। टेब में जीपीएस सिस्टम भी है जिससे घटनास्थल पर जल्दी पहुंचा जा सकता है।