बच्चों में कुपोषण पहचान कर उपचार कराने के निर्देश

बच्चों में कुपोषण पहचान कर उपचार कराने के निर्देश

जयपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य कार्मिकों, आशासहयोगिनियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान कर नजदीकी कुपोषण उपचार केन्द्र में उनकी जांच व उपचार कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। इस कार्य के लिए कम उपलब्धि वाले कुपोषण उपचार केन्द्रों वाले जिलों में 22 जून तक विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं।

स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन ने गुरूवार को स्वास्थ्य भवन के वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में संचालित 20 बिस्तरों, 10 बिस्तरों एवं 6 बिस्तरों वाले कुपोषण उपचार केन्द्रों की विस्तार से समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में परियोजना निदेशक मातृस्वास्थ्य डॉ.तरूण चौधरी, परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ.रोमिल सिंह, कुपोषण उपचार केन्द्रों के प्रभारी अधिकारी, सभी जिलों के जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला आशा समन्वयकों मौजूद थे।    बाल स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीरता बरतें

जैन ने 12 जून से 24 जून तक संचालित होने वाले डायरिया नियंत्रण अभियान, संचालित विटामिन-ए अभियान की गतिविधियों सहित जनजागरूकता गतिविधियों की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्हाेंने ओआरएस पैकेटस, जिंक टेबलेट्स एवं विटामिन-ए दवा इत्यादि की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों के लिए संचालित इन विभिन्न स्वास्थ्य अभियानों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ लक्षित वर्गाें तक पहुंचाने में गंभीरता बरतने के निर्देश दिये। कोल्ड चेन उपकरणों का अपलेखन करें

मिशन निदेशक ने टीकों के रखरखाव के लिए संचालित कोल्ड चेन डीपो की समीक्षा करते हुए नेशनल कोल्ड चेन मैनेंजमेंट इनफोरमेशन सिस्टम के पोर्टल पर सभी कोल्डचेन उपकरणों एवं अतिरिक्त उपकरणों का सही अपलेखन 15 जून आवश्यक रूप से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्हाेंने बताया कि 1 जुलाई से कोल्ड चेन डीपों में मरम्मत योग्य उपकरणों हेतु आवश्यक पार्टस इत्यादि ऑनलाइन ही उपलब्ध होंगे।

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