June 03, 2014

सफेदपोशो की करतूतो पर व्यंग्य है सफेद कालिख ,वरिष्ठ पत्रकार सत्य पारीक की पुस्तक

By admin - Mon Sep 03, 10:10 pm


3 सितम्बर जयपुर
जाने माने राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार सत्य पारीक ने एक सप्ताह के अंतराल में, एक ओर पुस्तक सफेद कालिख आमजन को समर्पित की है. पिछली पुस्तक जाट मुख्यमंत्री ? में जहां जाट समाज के लिए नेताओ के वादे और इरादो का चिट्ठा खोलने के चलते राजनीतिक गलियारो में बहस का विषय बनी हुई है तो सफेद कालिख इससे अलग वाइट काँलर जाँब और सफेदी की आड में अपने स्वार्थो को पूरा करते सिस्टम पर व्यग्य है.

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी स्वर्गीय एस.एन.थानवी है किताब के प्रेरणा स्रोत

पत्रकारिता में सत्य पारीक नेताओ अफसरो को सामने कडवा बोलने वालो की कतार में आगे माने जाते है. उनकी बात करने की शैली में अक्सर व्यग्य का बांण होता है. यही बात उनसे मुलाकात में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एस.एन.थानवी ने कही, कि आप जैसा बोलते हो वैसा लिखते क्यो नही.वरिष्ठ पत्रकार सत्य पारीक ने जवाब में ठहाका लगाते हुए कहा कि मै लिख तो दुगा लेकिन पढेगा कौन. इस पर वरिष्ठ प्राशासनिक अधिकारी थानवी ने कहा कि कोई और पढे न पढे मै जरुर पढुंगा.
जयपुर में पुस्तक लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ पत्रकार ने उपरोक्त किस्से को बताते हुए अफसोस जताया कि जिसके लिए किताब लिखी थी वो अब इस दुनिया में नही है

कई नये प्रयोग है सफेद कालिख में
बिना भुमिका,बिना पेज नम्बर और न ही विषय पूरा करने के लिए पेज पलटने की जरुरत, जी हां ,सफेद कालिख में पांच सौ के आसपास अलग अलग विषयो,घटनाओ पर एक पेज का व्यग्य है. पुस्तक की भाषा की शैली जैसे बोलते है वैसे पढने में आती है. यानी आम बोलचाल के किस्सो मुहावरो और घटनाओ को रोचकता के साथ व्यग्य पर जोडा है. पुस्तक में किक्रेट,राजनीति,देश प्रदेश के बहस के मुद्दे,फिल्म और फिल्मी कलाकार आदी पर पिछले कुछ समय में हुई खबरो की चर्चा 100 शब्दो में सार समेटा हुआ है.

जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा,विरेन्द्र सिंह राठौड लल्लू लाल शर्मा समेत बडी संख्य़ा में पत्रकार ,साहित्यकार मौजूद रहे.

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