सोसरबाई भील के लिए वरदान साबित हुआ पड़ासली का शिविर

सोसरबाई भील के लिए वरदान साबित हुआ पड़ासली का शिविर
जयपुर: मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जिस मंशा से प्रदेश में राजस्व लोक अदालत अभियान- न्याय आपके द्वार आरंभ किया है, वह अपने उद्देश्यों में आशातीत सफल सिद्ध हो रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों सभी स्थानों पर न्याय आपके द्वार शिविरों की धूम है और इनके माध्यम से ग्रामीणों को  राहत मिल रही है। ग्रामीणों में इस बात की खुशी है कि उनके सोचे हुए वे सारे काम एक ही दिन में एक ही छत के नीचे हो रहे हैं जिनके लिए वे बरसों से प्रतीक्षा कर रहे थे।
प्रदेश भर की तरह राजसमन्द जिले में भी राजस्व लोक अदालत – न्याय आपके द्वार शिविर ग्रामीणों के लिए राज का वरदान सिद्ध हो रहे हैं।
ग्रामीण अंचलों में शिविरों के कामकाज को लेकर बेहतर माहौल है और इनके कारण से शिविरों में ग्रामीणों का जमघट रहने लगा है। शिविरों में आने वाले ग्रामीणों के काम-काज भी हो रहे हैं और उन्हें उनके लायक सरकारी योजनाओं की जानकारी भी मिल रही है, साथ ही उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान की कार्यवाही भी की जा रही है। इस कारण ये शिविर बहुआयामी लोक कल्याण के केन्द्र के रूप में ख्याति प्राप्त करते जा रहे हैं।
राजसमन्द जिले की पड़ासली ग्राम पंचायत में गुरुवार को आयोजित न्याय आपके द्वार शिविर मादड़ी देवस्थान गांव की रहने वाली सोसरबाई पत्नी उमा भील के लिए सुकून देने वाला रहा।
पटवारी द्वारा न्याय आपके द्वार शिविर की जानकारी पाकर सोसरबाई पड़ासली पहुंची और शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी श्री राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल को अपनी समस्या सुनाते हुए प्रार्थना पत्र दिया।
इसमें उसने बताया कि उसका पति उमा भील ट्रेक्टर ड्राईवर का काम करते हुए घर-परिवार चला रहा था। इस बीच लगभग 22 वर्ष पहले मादड़ी देवस्थान चौराहे पर चाय की दुकान पर बैठा था कि ट्रक ने उसे रौंद दिया। इसके बाद से उस पर संकटों के पहाड़ टूट गए। उमा की मृत्यु के समय उसके बच्चों की उमर 3 व 5 साल थी।  बच्चों का पेट पालने का काम मजदूरी करते हुए उसने जैसे-तैसे किया। खेती के नाम पर लगभग ढाई बीघा जमीन ही उसके पास है।
सोसर बाई ने बताया कि पति उमा की मृत्यु के बाद राजस्व रिकार्ड में गलती से उसका नाम सोहनी बाई दर्ज हो गया। इस कारण से उसे खेती-बाड़ी के लिए कृषि आदान-अनुदान, मुआवजा, भूमि रहन रख कर ऋण प्राप्त करने और सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में कठिनाइयां आती रही हैं।
शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी श्री राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल ने सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राजस्व रिकार्ड में शुद्ध नाम सोसर बाई दर्ज किया और रिकार्ड की प्रतिलिपि सोसरबाई भील को सौंपी। इतनी जल्दी अपना काम हो जाने से सोसर बाई प्रफुल्लित हो उठी और उसने शिविर प्रभारी तथा सरकार का आभार जताते हुए कहा कि यह शिविर उसके लिए वरदान सिद्ध हुआ है और सरकार के इस अहसान भरे काम को वह जिन्दगी भर भूल नहीं पाएगी।
उपखण्ड अधिकारी श्री राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल ने बताया कि पड़ासली के शिविर मेें पट्टा वितरण अभियान भी हुआ जिसमें 53 जनों को पट्टों का वितरण किया गया। शिविर में महानरेगा श्रेणी-4 अर्थात व्यक्तिगत लाभ के 25 व सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 40 आवेदन तैयार कराए गए। इसी प्रकार  55  भामाशाह कार्ड वितरण एवं एडीटिंग कार्य, 70 श्रमिकों के पंजीयन के लिए आवेदन तैयार किए गए। शिविर में 16 नामान्तरण हुए। उपखण्ड अधिकारी न्यायालय से संबंधित 14 मामलों का निस्तारण आपसी सहमति एवं समझाइश से किया गया। इनमें 5 मामले पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन थे।

Related posts

Leave a Comment Cancel reply