86 घंटे बाद माही बोरवेल से मृत निकली,अमिताभ समेत कई फिल्मी ने अफसोस जताया
गुडगांव के मानेसर में पिछले पांच दिनो से जिंदगी और मौत के बीच झूल रही माही आखिरकार बोरवेल से बाहर तो आई लेकिन जिंदा नही बच सकी, सेना के अथक प्रयासो और दिल्ली मेट्रो बचाव दल से शनिवार सुबह से मांही के बीच की कुछ फीट की चट्टानी बाधा को तोडने में ऐडी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन 85 घंटो बाद भी उसे जिंदा नही बचाया जा सका. बोरवेल से सेना के जवान सीधे माही को ईएसआई अस्पताल ले गए जहां डाक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बुधवार को अपना जन्मदिन मनाने के बाद मही रात को बोरवेल में गिरी थी और तभी से देशभर का मीडिया और अन्य लोग बचाने की दुआ करने में लगे थे. लेकिन दुआए कबूल नही हुई. माही पहला किस्सा नही है इससे पहले भी राजस्थान,मध्यप्रदेश और यूपी में कई सूखे बोरवेल बच्चो की जान ले चुके है. घटता भूजल,और नए बोरवेल कुछ समय बाद किसानो के लिए बेकार हो जाते है और बन जाते है हमेशा के लिए हादसे का आदेशा, सरकार और आम आदमी को यह समझना होगा की खुले बोरवेल उनके बच्चो के दुश्मन है.