IMD ने चेन्नई‑तमिलनाडु के 25 जिलों में भारी वर्षा अलर्ट जारी किया, केरल में रेड अलर्ट
- द्वारा अनिर्विष रचनाकार
- अक्तू॰, 21 2025

जब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 21 अक्टूबर, 2025 को 13:30 IST पर अपना नवीनतम 2025 वर्षा अलर्टदक्षिण भारत जारी किया, तो शहर‑सड़कियाँ ख़तरा महसूस करने लगीं। चेन्नई‑तमिलनाडु के 25 जिलों में भारी वर्षा की संभावना, और केरल में रेड अलर्ट, दोनों ही जल‑संकट के द्वार खोल रहे हैं। ये चेतावनी सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि बाढ़‑रोकथाम, खाद्य‑सुरक्षा और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर झटका है।
बड़ी बारिश की चेतावनी का सार
वर्तमान बुलेटिन के अनुसार, 21‑22 अक्टूबर को तमिलनाडु में ≥ 21 सेमी की अत्यधिक वर्षा, और 22 अक्टूबर को केरल में समान स्तर की बारिश का प्राबाबिलिटी है। हल्की‑से‑मध्यम बारिश 21 से 27 अक्टूबर तक दक्षिण प्रायद्वीप के कई हिस्सों में आएगी, जबकि कुछ क्षेत्रों में 7‑20 सेमी तक की भारी‑बहुत भारी बारिश भी हो सकती है।
इस चेतावनी के पीछे डॉ. राजेन्द्र कश्यप, मुख्य मौसम विज्ञानी of भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, “बायोफ़्रास्टरी में लो‑प्रेशर एरिया तेज़ी से गहरे डिप्रेशन में बदल रहा है, इसलिए बरसात का स्वरूप अत्यधिक गंभीर होगा।”
प्रभावित क्षेत्र और संभावित नुकसान
चेन्नई, कुडालोर, नगरपट्टिनम, पुदुचेरी, कछीपुरम, तिरुचिरापल्ली और मदुरै जैसे प्रमुख जिलों में बाढ़‑अलर्ट जारी है। वैगा नदी (वैगा नदी) का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कच्चे पानी के जोखिम में इजाफ़ा हो रहा है।
- चेन्नई – जलभराव, सड़क बंद, बिजली कटौती की आशंका
- कोठी (कोठिकुडि) – बाढ़‑संकट, ईंधन और दवाओं की कमी
- तेनकासी – खेती‑क्षेत्र में जल‑नुकसान की संभावना
केरल में इडुक्की, अयनाद, कोज़िकोड, कोटायाम, पालक्कड़, पाथनंथिट्टा और मलप्पुरम को रेड अलर्ट मिला है। ये जिले पहले से ही सिचुड़ मिट्टी और निरंतर वर्षा से जुझ रहे हैं, इसलिए तेज़ बाढ़ और लैंडस्लाइड की संभावना बहुत अधिक है।

विज्ञानिक कारण और मौसम प्रणाली
बायोफ़्रास्ट्री में वर्तमान में एक लो‑प्रेशर एरिया विकसित हो रहा है, जो बंगाल की खाड़ी में गहरा डिप्रेशन बनने की संभावना रखता है। इस प्रणाली के दायरे में दक्षिणी समुद्री हवाएं धारा‑फ़्लो को तेज़ कर रही हैं, जिससे समुद्री जल‑स्तर में वृद्धि और तटवर्ती क्षेत्रों में तेज़ लहरें आ रही हैं।
भविष्यवाणी के अनुसार, अक्टूबर 23‑24 में अंतर‑राज्यीय तूफान और बिजली गिरने की संभावना 60‑70 % तक पहुंच जाएगी, खासकर कर्नाटक, ओडिशा और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में।
स्थानीय प्रतिक्रिया और राहत उपाय
राज्य सरकारें पहले से ही राहत‑समिति स्थापित कर रही हैं। तमिलनाडु सरकार ने 5,000 स्ट्रॉन्ग रेज़र्व एम्बुलेंस, 200 टेढ़े‑मेढ़े बैंकर और 300 स्वयंसेवी समूहों को तैनात कर दिया है। केरल में, द्रव‑बिजली विभाग ने आपातकालीन पावर सप्लाई के लिए जनरेटरों के प्रावधान की घोषणा की है।
किसान और मछुआरे को भी चेतावनी दी गई है: “समुद्र‑तट के पास मत जाएँ, और खेत‑पानी की मोटी परत को हटाने के लिए सोलर पंपों का प्रयोग करें,” डॉ. कश्यप ने सुझाव दिया।

आगे क्या उम्मीद रखें
अगले दो दिनों में परिस्थितियाँ और गंभीर हो सकती हैं। यदि डिप्रेशन अतिरिक्त देर तक बना रहता है, तो 24‑25 अक्टूबर तक केरल में और भी अधिक भारी वर्षा की संभावना है। इस बीच, राष्ट्रीय आपदाकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने सभी प्रभावित जिलों को अल्पकालिक आपातकालीन फंड उपलब्ध कराने का स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है।
समुदाय के लोग अपनी सुरक्षित जगहों की पहचान कर रखें, जल‑भंडारण सुविधाओं को साफ़ रखें, और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यह चेतावनी एक चेतावनी है, लेकिन सही तैयारी से हम इस बाढ़‑सीज़न को न्यूनतम नुकसान के साथ पार कर सकते हैं।
Frequently Asked Questions
चेन्नई में भारी बारिश के कारण क्या प्रभाव पड़ेगा?
चेन्नई में जलभराव, सड़कों का बंद होना और बिजली कटौती की आशंका है। सिंचाई के लिए प्रमुख नहरें, जैसे वैगा नदी, का जलस्तर बढ़ने से दक्षिणी क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन ने एम्बुलेंस और राहत‑समूह तैनात किए हैं, लेकिन लोग अपने घरों की सुरक्षा के लिए ऊँचे स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।
केरल में रेड अलर्ट का मतलब क्या है?
रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है जब अत्यधिक भारी वर्षा (≥ 21 सेमी) या तेज़ बाढ़ का जोखिम बहुत अधिक हो। इडुक्की, अयनाद, कोज़िकोड आदि जिलों में मिट्टी का जल‑धारणशीलता पहले से ही अधिक है, इसलिए तेज़ बाढ़ और लैंडस्लाइड की आशंका है। प्रशासन ने आपातकालीन राहत‑केंद्र स्थापित किए हैं और लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में जाने का निर्देश दिया है।
बुरे मौसम के दौरान किसान कैसे बचाव कर सकते हैं?
किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों को जल‑निकासी करवाएँ, बची हुई फ़सल‑ब्रेड को सोलर‑पंप से निकालें, तथा फसल‑बीमा का दावा जल्द ही करें। इडुक्की‑केरल में फसल‑भुगतान योजना के तहत अतिरिक्त सहायता उपलब्ध है, जो इस आपदा‑सीज़न में मददगार साबित होगी।
बड़ी बारिश की चेतावनी के पीछे मुख्य कारण क्या है?
बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा लो‑प्रेशर एरिया तेज़ी से गहरे डिप्रेशन में बदल रहा है, जिससे समुद्री जल‑स्तर बढ़ रहा है और दक्षिणी भारत में सिचुड़ बारिश हो रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वर्षाचक्र का कारण समुद्र‑तापमान में असामान्य वृद्धि है, जो मॉनसून‑प्री‑मॉन्शन लक्षणों को तीव्र बनाता है।
आगामी दिनों में मौसम क्या रहेगा?
इंतज़ाम 24‑25 अक्टूबर तक केरल में अतिरिक्त भारी वर्षा की संभावना है। दक्षिणी भारत के कई हिस्सों में टूरिस्मिक‑ठंडक के साथ रेन‑ड्रमस्ट्रिंग और तेज़ पवन की संभावना 60‑70 % तक पहुँच सकती है। सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुसार, लोगों को वैकल्पिक आवास, आपातकालीन सामान और स्थानीय प्रशासन के अपडेट पर नज़र रखनी चाहिए।