मार्च 28, 2016
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गार्ड नही अब आर्गेनिक फार्मर बनेगे पूर्व सैनिक,मोरारका-फाउण्डेशन-ने शुरु किया पूर्व सैनिको के लिए नया रोजगार

By admin - बुध जून 20, 8:23 पूर्वाह्न

पिछले साल नवम्बर में फौज से रिटायर हुए जवान जगजीत  सिंह, पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले हैं और उनका मानना है कि ‘‘ट्रेनिंग उनके लिए वरदान बन कर आई है। इससे पहले वह शहर में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी तलाश रहे थे, क्योंकि कीटनाशकों और उर्वरकों के बढ़ते दाम के कारण खेती से अपने परिवार का पेट पालना आसान नहीं था, लेकिन ऑर्गेनिक खेती के इस प्रशिक्षण से न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि अब वह अपने गांव में ही परिवार के साथ रहकर इस खेती को अपनाएंगे।’’ ऐसी ही कहानी सूबेदार अमर सिंह की है, जो इसी साल मार्च में रिटायर होने के बाद अपने दस बीघा के खेती  पर ऑर्गेनिक पद्धति से खेती करने का मानस बना चुके हैं।

भारतीय सेना के सेवानिवृत सैनिक और जल्द ही सेवानिवृत होने वाले सैनिकों के लिए जैविक खेती अब रोजगार के रास्ते खोलेगी। जयपुर में हाल ही में सम्पन्न हुई देश की ऐसी पहली प्रशिक्षण कार्यशाला में मोरारका फाउण्डेशन द्वारा ऐसे सैनिकों को ऑर्गेनिक खेती करने का प्रशिक्षण दिया गया। 21 मई से शुरू हुई इस 27 दिवसीय कार्यशाला में सेवानिवृत और जल्दी ही रिटायर होने वाले सैनिकों को मोरारका फाउण्डेशन द्वारा जयपुर और नवलगढ़ में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इसी कड़ी में इन्हें जयपुर में वर्मी कम्पोस्ट और अन्य ऑर्गेनिक इनपुट बनाने की फील्ड ट्रेनिंग दी गई।

मोरारका फाउण्डेशन के महाप्रबंधक वर्धमान बापना का कहना है कि ‘‘भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के सम्मानजनक पुनर्वास के लिए जैविक खेती को व्यवसाय के रूप में अपनाने की पहल की है। इसके लिए सेना ने मोरारका फाउण्डेशन के साथ हाथ मिलाया है।’’ इसी कड़ी में मोरारका फाउण्डेशन के वैज्ञानिक पूर्व सैनिकों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया हैं। श्री बापना ने बताया कि ‘‘फाउण्डेशन इनकी उपज का ऑर्गेनिक प्रमाणिकरण भी कराएगा और खेती के दौरान होने वाली किसी भी तरह की परेशानी या दिक्कतों के निराकरण के लिए पूर्व सैनिकों को टोल फ्री नम्बर वाले फाउण्डेशन के कॉल सेन्टर से जोड़ा जायेगा। जहां विषय विशेषज्ञों द्वारा उनकी समस्या का तुरन्त समाधान किया जाएगा। इतना ही नहीं फाउण्डेशन के जरिये पूर्व जवानों की ओर से उपजाए गये खाद्य पदार्थों को बजार भी उपलब्ध कराया जाएगा और बेहतर कीमत दिलाई जायेगी।’’

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