राजस्थान सरकार ने डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस (मल्टीलेवल मार्केटिंग) दिशा निर्देश बनाये

जयपुर, 3 अक्टूबर। राज्य में डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस (मल्टीलेवल मार्केटिंग) से संबंधित कई प्रकरणों में उपभोक्ताओं के ठगे जाने के प्रकरणों के सामने आने पर फैडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसियेशन ने राज्य सरकार को यह मांग प्रस्तुत की कि इस प्रकार के व्यापार को पारदर्शी व स्पष्ट करने हेतु राज्य सरकार द्वारा दिशा निर्देश बनाये जावें तथा उन्हें राज्य में लागू किया जावे। उपभोक्ता हितों के संरक्षणार्थ एवं डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस को विनियमित करने के उद्देश्य हेतु दिशा निर्देश जारी किये जाने का निर्णय आज मुख्यमंत्री श्री अषोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रीमण्डल की बैठक में लिया गया।

मंत्रीमण्डल द्वारा अनुमोदित दिशा निर्देशों में जहां एक ओर डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस से संबंधित गतिविधियों, टारगेट ग्रुप, संस्थाओं व प्रक्रियाओं यथा डायरेक्ट सेलिंग, डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी, डायरेक्ट सेलर, उपभोक्ता, वस्तु/उत्पाद, सीधी बिक्री से प्राप्त सेल्स इन्सेन्टिव को परिभाषित किया है वहीं स्वीकार्य सीधी बिक्री एवं सीधे बिक्रीकर्ता को नियुक्त करने/अधिकृत किये जाने की शर्तों को भी निर्धारित किया गया है।

मंत्रीमण्डल द्वारा अनुमोदित मार्गदर्शिका के अनुसार उन्हीं डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी को मान्य किया गया है जो अपने व्यापार के स्थान पर प्रभावी कानूनों/नियमों के द्वारा वांछित बिक्री/वैट/आयकर इत्यादि जमा कराते हों एवं सभी वांछित अनुज्ञा पत्र प्राप्त कर रखे हो तथा ऐसी एन्टेटी को कम से कम एक राष्ट्रीयकृत बैंक में अपना खाता रखना होगा। ऐसी एन्टेटी के साझेदारी बंध पत्र में अथवा मैमोरेण्डम ऑफ एसोसियेशन में उनके व्यापार की प्रकृति स्पष्ट रूप से अंकित करनीे होगी। यदि पूर्व में ऐसा अंकन नहीं हो तो संबंधित को अपने साझेदारी बंध पत्र व मैमोरेण्डम ऑफ एसोसियेशन में मार्गदर्शिका के जारी होने के 2 माह की समयावधि में इस आशय का अंकन कराना अनिवार्य होगा। यह भी आवश्यक होगा कि डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी अपनी अधिकारिक वेबसाईट पर अपने अधिकृत सीधे विक्रेताओं के नाम व उनकी पहचान संख्या परिभाषित करे। एक उपभोक्ता शिकायत प्रकोष्ठ संधारण किया जाना आवश्यक होगा जिसके अन्तर्गत उपभोक्ताओं से प्राप्त होने वाली शिकायतों का 7 दिवस में निराकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा। इस वेबसाईट पर उपभोक्ता की शिकायत को पंजीकृत कराये जाने की प्रक्रिया निर्बाध होने का भी प्रावधान रखना होगा।

मार्गदर्शिका में डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी द्वारा सीधे विक्रेताओं को अधिकृत किये जाने/नियुक्त किये जाने की शर्तोें को स्पष्ट करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि डायरेक्ट सेलर बनने के इच्छुक अपना आवेदन निर्धारित प्रारूप में एन्टेटी को प्रस्तुत करेंगे जिसकी जांच उपरान्त नियुक्ति हेतु डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी और सीधे विक्रेता के मध्य एक इकरारनामा निष्पादित किया जाना अनिवार्य होगा जिसमें नियुक्ति की शर्तो को उल्लेख होगा। प्रार्थना पत्र को स्वीकार्य करने की अनिवार्य शर्त यह निर्धारित की गई है कि आवेदक इंडियन कान्ट्रेक्ट एक्ट के अन्तर्गत अनुबन्ध करने के लिए पात्र है। सीधे बिक्री आरम्भ करने से पूर्व प्रत्येक सीधे बिक्रीकर्ता को एक विशिष्ठ पहचान संख्या आवंटित की जायेगी। डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी द्वारा सीधे बिक्रीकर्ता को उनसे जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशि प्रदान नहीं की जायेगी। सीधे विक्रेताओं को उनकी बिक्री की मात्रा से असम्बद्ध कोई प्रोत्साहन का भुगतान प्रतिबंधित किया गया है। डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी/सीधे बिक्रीकर्ता किसी प्रकार की मनी सरकूलेशन स्कीम में लिप्त नहीं होगा एवं न ही प्राईज चिट्स एवं मनी सरकूलेशन स्कीम ( बैनिंग) अधिनियम, 1978 द्वारा प्रतिबन्धित किसी कार्य में लिप्त होगा।

इसके साथ ही इस मार्गदर्शिका में डायरेक्ट सेलिंग से संबंधित प्रतिबंधित गतिविधियों का निर्धारण करते हुए बिक्रीकर्ता कम्पनी/संस्था द्वारा सूचनाओं का संधारण व अन्य सामान्य शर्तों का भी निर्धारण किया गया है। डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस की गतिविधियों से संबंधित शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया का निर्धारण करते हुए मार्गदर्शिका के प्रावधानों के उल्लंघन की स्थिति में कार्यवाही किये जाने की व्यवस्था भी अंकित की गई है।

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