16 कैडेट 2 गन 1 फटा पुराना सेफ्टी सूट कैसे करे फायरिंग बेटियां, एनसीसी नेश्नल शुटिंग कैम्प में ?

State Desk  16 कैडेट 2 गन 1 फटा पुराना सेफ्टी सूट कैसे करे फायरिंग बेटियां, एनसीसी नेश्नल शुटिंग कैम्प में । जी हा यह माजरा है राजस्थान के एनसीसी कैडेट्स का । एनसीसी अफसरों की इतनी बडी लापरवाही का खामियाजा राजस्थान का नाम रोशन करने पश्चिम बंगाल एनसीसी कैडेट नेश्नल शुटिंग कैम्प में गए बच्चों को भुगतना पड़ रहा हैं। राज्य भर  से हजारों कैडेट में फायरिंग के बैस्ट 16 कैडेट्स को हर साल एनसीसी नेश्नल शुटिंग कैम्प मे जाने का मौका मिलता हैं, राजस्थान से पिछले कुछ सालों से लगातार बेटियों का रुझान और संख्या शुटिंग के प्रति बढी हैं। इस बार 8 बेटियां इस कैम्प में शामिल हो रही हैं। पश्चिम बंगाल में इस बार दस दिवसीय कैम्प में हिस्सा लेने वाले राजस्थान के कैडेट्स 23 अगस्त को ही पहुच गए थे। लेकिन जब अन्य राज्यों के कैडेट्स को शुटिंग की प्रैक्टिस करते देखा और टीम के एनसीसी अधिकारी से गन और सैफ्टी सूट मांगे तो दंग रह गए।

ताले में बंद रहती है एनसीसी की गन्स सालभर

पश्चिम बंगाल आसोल में 10 दिन के कैम्प में शुक्रवार से  शुरू होनी हैं। अन्य राज्यों की एनसीसी कैडेट्स के टीमों के लिए ट्रक भर के सामान आए हैं। पिछले कई महीनों से अन्य राज्यों के एनसीसी शुटिंग की प्रेक्टिस कर रहे है लेकिन राजस्थान के कैडेट्स को केवल शुटिंग कैम्पों में महज कुछ मुहर्त के समय में निकाली जाती हैं। सारे साल गन्स को ताले में रहती हैं।  इधर राजस्थान एनसीसी से जुडे़ अफसर कोई जवाब देने को तैयार नही ।

फायरिंग के दौरान छर्रे घायल कर सकते हैं कैडेट को 

16 कैडेट्स पर दो गन जिसमें एक खराब हैं और एक फटा सूट जो शुटिंग के दौरान कभी भी कैडेट्स को घायल कर सकता हैं। सैफ्टी सूट एक ही है जो लडको और लडकियों दोनों के लिए है। सेफ्टी सूट में शर्ट और पैंट एक साथ डागरी की तरह होती हैं उसे पहनने और उतारने में 20 से 30 मिनट लगते हैं। शुटिंग के दौरान यह पहनने की बाध्यता हैं। ऐसे में पूरे दिन में केवल 5 या 6 कैडेट ही पहन सकते हैं।

 

 

दो गन से 16 कैसे शुटिंग करेंगें

राजस्थान एनसीसी निदेशालयके अफसरों की ओर से 16 कैडेट्स के लिए सिर्फ 2 गन भेजी गई हैं। इनमें एक काम नही कर रही। ऐसे में राजस्थान के कैडेट्स पिछले दो दिनों से हाथ पर हाथ धरे अन्य राज्यों के बच्चों को देख रहे हैं। जरुरी सामना के अभाव में ना प्रैक्टिस कर पा रहे है और ना ही उन्हे यह उम्मीद है कि पूरे 16 छात्र प्रतियोगिता में हिस्सा ले पाएगे।

 

 

 

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