उद्योग विभाग उपलब्ध कराएगा मंच: डॉ कृष्णाकांत पाठक

जयपुर । प्रदेश की हस्त व शिल्पकला को संरक्षित व सवंद्रि्धत करने के लिए राज्य के उद्योग विभाग द्वारा विशेष पहल करने का निर्णय लिया गया है। अब बच्चोंं, युवाओं, युवतियों और परंपरागत शिल्प से जुड़ने के इच्छुक कलाकारों को हस्तशिल्प के गुर की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दिलाई जाएगी। उद्योग आयुक्त डॉ. कृष्णा कांत पाठक की अध्यक्षता में उद्योग विभाग में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

डॉ.पाठक ने बताया कि प्रदेश के हस्तशिल्प यथा हैण्ड ब्लॉक प्रिंटिंग, बंधेज, टाई एण्ड डाई, दाबू, बगरु, बाडमेरी और अजरख प्रिंट, तारकशी, कुंदन मीनाकारी, टेराकोटा, थेवा कला, मूर्ति कला व पत्थर पर नक्काशी तथा पत्थर के उत्पादों का निर्माण, कोटा डोरिया, बांधनी, गोटा-पत्ती, जयपुरी रजाई, खेस-दरी निर्माण, लाख शिल्प, उस्ता कला, पेंटिंग, मिनिएचर पेंटिंग, ब्लू पॉटरी, क्ले आर्ट, जूतियां व मोजड़ी, हैण्डमेड पेपर, पेपरमेशी, स्टोन कार्विंग, कठपुतली आदि की दुनिया भर में विशिष्ट पहचान है। उद्योग विभाग इस तरह की कार्ययोजना तैयार कर रहा है जिसमें इन क्षेत्रों के विशेषज्ञों और इन कलाओं को सीखने के इच्छुकों को एक साझा मंच उपलब्ध कराया जाए जिससे इन कलाओं का संरक्षण संवद्र्धन होने के साथ ही नई पीढ़ी को इन शिल्पों से जोड़कर उन्हें हस्तशिल्पी और एंटरप्रोन्योर बनाने की राह दिखाइ जा सके। इसके साथ ही लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकेगा।

आयुक्त डॉ. पाठक ने कहा कि साझा मंच में शिल्प गुरुओं को जोड़ते हुए गुरु शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा। विभाग द्वारा इस तरह का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा जिससे सात, दस या पन्द्रह दिवस के सत्रों का आयोजन किया जा सकेगा। इस अभियान में शिल्प गुरुओें, पुरस्कृत शिल्पकारों, राज्य की इस क्षेत्र में कार्य कर रहे संस्थाओं से आग्रह किया जाएगा कि वे आगे आएं और लोगों को इन कलाओं के गुर सीखाकर भावी पीढ़ी तैयार करें। इन सत्रों के आयोजन में सभी की सहभागिता तय की जाएगी वहीं स्थान व आवश्यक सुविधाएं उद्योग विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

गुरुओं व शिल्पकारों से होगा संवाद

उद्योग विभाग जल्दी ही प्रदेश के शिल्पगुरुओं, पुरस्कृत शिल्पियों, विशेषज्ञों से संवाद कायम कर इस तरह के सत्रों के आयोजन में उनकी सहभागिता तय की जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा अर्जुन प्रजापति, बादशाह मियां, रामकिशोर छींपा, संतोष छींपा, अवधेश पाण्डेय, रामगोपाल, अनिल दोराया, बाबूलाल मारोठिया, तिलक गिताई, आवाज मोहम्मद, सुमन सोनी आदि के साथ ही आईआईसीडी, महिला पॉलिटेक्निक संस्थानों, पर्ल एकेडमी, आर्च विद्यापीठ आईएनआईएफडी आदि से समंवय कर सीधा संवाद किया जा रहा है ताकि जून के माह में ही पहले सत्र का आयोजन किया जा सके।

जून में होगा पहला आयोजन

आयोजन की तिथियों व आयोजन शिल्प का चयन विशेषज्ञों से संवाद कायम कर जून के पहले सप्ताह तक तय कर लिया जाएगा। इसके लिए उद्योग से जुड़ी संस्थाओं यथा राजसिको, उद्यम प्रोत्साहन संस्थान, रुडा, आरएसडीसी, बुनकर संघ आदि के साथ ही औद्योगिक संघों की सहभागिता की संभावनाओं को तलाशा जाएगा।

बैठक में राजसिको एमडी शकुंतला सिंह, अतिरिक्त निदेशक डीसी गुप्ता, पीके जैन, अविन्द्र लड्ढ़ा, संयुक्त निदेशकों में संजीव सक्सैना, एसएस शाह, संजय मामगेन, योगेश माथुर, उपनिदेशक बालेन्दु सिंह, महाप्रबंधक जयपुर जिला उद्योग केन्द्र डीडी मीणा व सुभाष शर्मा, जिला उद्योग अधिकारी त्रिलोक व सहायक निदेशक प्रचार डॉ. राजेन्द्र शर्मा उपस्थित रहे।

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