BMW हिट एन रन केस , एमएलए पुत्र ने शराब नही पी, ऑटो चालक आदतन शराबी था !

State Desk BMW विधायक पुत्र को कानूनी तरीके से बचाने की तैयारी ? यह सवाल इसलिए उठ रहा हैं क्योंकि सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एमएलए पुत्र की मेडिकल रिपोर्ट नार्मल होने की जानकारी दी गई। मेडिकल जांच के लिए खुन नाकाफी था इसलिए मेडिकल में अलकोहल की पुष्ठी नही हो सकी।  साथ ही बीएमडब्लू् हिट एन रन हादसे में मारे गए ऑटो चालक का लाईसेंस नही था और ना ही ऑटो का परमिट था । यह भी बात सामने आई कि पीसीआर वैन सड़क पर क्यो खड़ी थी और जब पुलिस ने सिद्धार्थ को पकड़ ही लिया था तो हिट एन रन कैसे हुआ। यह सब सवाल जवाब राजस्थान हाईकोर्ट में बीएमडब्लू हिट एन रन केस में विधायक पुत्र की जमानत के मामले पर आदालती कार्रवाई का हिस्सा हो सकते हैं।

ऑटो चालक आदतन शराबी था 

विधायक पुत्र की ओर से पुलिस के ऑटों चालक के परिजनों के बयानो का हवाला देकर कहा जा रहा कि हादसे के बाद परिजनों ने बताया कि वह आदतन शराबी था। उसके बावजूद भी पुलिस ने आॅटो रिक्शा चालक का किसी तरह का सैंपल नहीं लिया। इसका अंदाजा इस बात से भी होता है कि रात को एक बजे आॅटो सवार लोग कहां से लौट रहे थे पुलिस ने इसकी तफतीश नहीं की।

ऑटो चालक के पास ना लाईसेंस था ना परमिट ना इंश्योसेंस

विधायक के नजदीकी लोगो का सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि पुलिस की प्रांरभिक जांच में सामने आया कि आॅटो रिक्शा का कोई परमिट नहीं था। दो साल से आॅटो जयपुर की सड़कों पर बिना परमिट के चल रहा था। आॅटो रिक्शा की इंशोरेंस भी नही थी। आॅटो रिक्शा चालक के पास डाईविंग लाइसेंस नहीं था, इतना ही नहीं आॅटो रिक्शा चालक के पास लर्निंग लाइसेंस भी नहीं था। हादसे के बाद बयान में आॅटो रिक्शा चालक के परिजनों ने बताया कि वह आदतन शराबी था। उसके बावजूद भी पुलिस ने आॅटो रिक्शा चालक का किसी तरह का सैंपल नहीं लिया।

लेकिन धरातल में 1 जुलाई 2016 को हुआ यह उस एक वीडियो को देखने से कुछ हद तक साफ हो सकता हैं। 1 जुलाई की वो रात जब सेंट जेवियर चैराहे पर हुई कार व आॅटो रिक्शा की टक्कर में मारी इसके साथ ही पुलिस पीसीआर वैन में बैठे पुलिसकर्मी भी इसी गाडी की टक्कर से घायल हुई। पुलिस ने बडे बडे दावे किए लेकिन ना तो मेडिकल सही ढंग से करवा पाई और ना ही केस की जांच को कानूनी अमली जामा पहना पाई। अब सवाल उठाया जा रहा है कि पुलिस अपनी नाकामी छुपाने के लिए विधायक के बेटे सिद्धार्थ महरिया को निशाना बनाती रही। 1 जुलाई की रात को हुए हादसे के बाद पुलिस ने आॅटो रिक्शा में सवार लोगों व आॅटो रिक्शा चालक व रिक्शा की कोई पड़ताल नहीं की।

दूध के धुले है विधायक पु्त्र

इन सब तथ्यो को सही मान ले तो विधायक पुत्र तो दुध के धुले है और हादसे में मरने वाले अपराधी थे। रात को एक बजे विधायक पुत्र शराब पीकर तेज रफ्तार में कार चला सकता हैं सड़क चौराहे पर जो मिले उसे कुचल सकता है, लेकिन ऑटो चालक सवारियों को लेकर देर रात घर नही छोड़ करता क्योकि वो तो खाने कमाने वाला आदमी है ना , घर पर बच्चों की जिम्मेदारी हैं। विधायक पुत्र हादसे के बाद घटनास्थल से भागने का प्रयास करता है ,आसपास राहगिरों ने उसे नही पकड़ा होता तो भाग भी जाता, पुलिस देरी से पहुंची और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजने में लग गई। पुलिस को मौका वारदात पर सिद्धार्थ को पहचाने वाले पकड़ने वाले गवाह नही मिले या मिले होगे तो भी वे गरीब ,मजबूर बेघर लोग किसी बड़े आदमी के बेटे के खिलाफ कैसे गवाही देगें। अब बात मेडिकल की सरकारी अस्पताल में खुन का सैम्पल जांच के लिए कम पड़ गया था विधायक का दबाव ज्यादा पड़ गया यह कैसे पता लगेगा। पुलिस ने बीएमडब्लू कार से बरामद शराब की बोतले , नशें में होने का सबूत ब्रैथ एनलाईजर रिपोर्ट सब झूठे हैं। केवल सच्चे है फतहपुर विधायक नंद किशोर महरिया और उनके आरोपी बेटे सिध्दार्थ महरिया

 

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