दो हजार का नोट क्यों जारी किया गया, कांग्रेस ही नही आम जनता भी पूछ रही हैं !
बिजनेस डेस्क दो हजार का नोट क्यों जारी किया गया । यह सवाल 8 नवम्बर के बाद से ही सरकार से पूछा जा रहा है। कभी विपक्षी दल पूछ रहे तो कभी वित्तीय विशेषज्ञ। आम जनता के मन भी सवाल है कि आखिर हजार और 500 के पुराने नोट बंद करने के साथ ही नया दो हजार रुपय का नोट क्यो जारी किया गया।
सरकार ने क्यो जारी किया दो हजार का नोट
सरकार ने दो हजार का नया नोट जारी किए जाने का कारण लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दिया है। वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान महँगाई तेजी से बढऩे के साथ ही लोगों की आय और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बढ़ोतरी की वजह से एक हजार रुपये के नोट की जगह बड़े मूल्य (दो हजार रुपये) के नोट जारी करने पड़े।
वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि एक हजार रुपये का नोट वर्ष 2000 में लाया गया था।इसके बाद लगातार तेजी से महँगाई बढऩे से इस नोट की वास्तविक क्रय क्षमता (पीपीपी) काफी कम रह गयी थी। इसके साथ ही लोगों की खर्च करने योग्य आय बढ़ी है और जीडीपी में भी बढ़ोतरी हुई है।
इसके मद्देनजर बड़े मूल्य के नोटों की आवश्यकता महसूस की जाने लगी थी जिसके कारण दो हजार रुपये के नोट जारी किये गये हैं। ये नोट भारतीय रिजर्व बैंक कानून 1934 के प्रावधानों के तहत जारी हुये हैं।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त परिस्थितियों के मद्देनजर देश में मुद्रा की माँग पूरी करने के लिए दो हजार रुपये के नोट को सबसे योग्य पाया गया है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर नोट के डिजाइन में बदलाव किया जाता है और नये नोट जारी किये जाते हैं और कुछ नोट वापस लिये जाते हैं। इसी के तहत 500 रुपये के डिजाइन में बदलाव किया गया है।
लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे भाजपाई के लिए नए सिरे से ब्लैक मनी के विकल्प उपलब्ध करवाए जाने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि 2000 रुपय का नोट ज्यादा ब्लैक मनी को प्रोत्साहन देगा।
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