सांडों की लडाई से प्रशासन बेबस, कुएं मे गिरे सांड को निकालने में घंटो लगे

शेरसिंह कुमावत कालाडेरा जयपुर गांव के बीच सड़क अचानक ‘दो सांडों की लडाई से प्रशासन अंजान’  जी हा दो सांड़ो की लडाई शुरु होती हैं। दोनों में कोई हार मानने तो तैयार नही, कभी ये भारी तो कभी दूसरा, अचानक दोनों लड़ते लड़ते कुए के पास पहुचते हैं।आसपास मौजूद लोग प्रयास करते है लेकिन दो सांड़ो की लडाई  में कौन बीच बचाव करे। दोनो के घमासान के बीच कोई कुछ कर पाता इससे पहले आवाज आई, लोगो ने देखा लगभग 100 फीट गहरे सूखे कुए में गिरा सांड गिरा है और बचने के लिए सर्घष कर रहा हैं। फिर शुरु हुई सांड को निकालने का सर्घष ,जिसमें घंटो लगे

सूखे कूओं में अक्सर गिरते है आदमी इंसान

गौरक्षक दल से जुड़े कार्यकर्ताओ ने बताया कि चौमू, कालाडेरा, गोविंदगढ और आसपास के कई इलाको में सैकड़ो की संख्या में सूखे कूए हैं जो कई सौ फीट गहरे हैं। अक्सर कई आदमी रात के अधेरे में इन कुओ में गिर चुके हैं। सूखे कुए ढके नही है इनमे से कई सरकारी कुए तो कई निजी खातेदारों के हैं।  कालाडेरा पुलिस थाने के सामने खातेदार के बिना मुंडेर के खुले कुएं में दोपहर करीब 12 बजे दो सांड आपस में लड़ रहे थे तभी अचानक एक सांड कुएं में गिर गया, इसकी सूचना पर गो रक्षक दल गोविंदगढ़ की टीम मौके पर पहुंच और कई गौरक्षक अपने स्तर पर प्रयास शुरु किए, मुकेश सौकिल कुएँ में उतरे , राजू फौजी, जितेन्र्द डेनवाल, सरपंच विष्णु नागर ने घंटों की मशक्कत के बाद सांड को बाहर निकाला। लेकिन तब तक सांड की मौत हो चुकी थी। इस मामले में आक्रोशित लोगों ने जिला कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन व एस डी एम अशोक योगी को पूरी घटना बताई और मांग की कि जिले के सभी सूखे कुए ढकने का अभियान चलाया जाए। साथ ही गोविंदगढ क्षेत्र में गौरक्षक दल की मदद से सूखे कुओं को ढकने में पुलिस सहयोग की मांग की गई।

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