महाराष्ट्र में 5,500 असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की सदीस भर्ती, मार्च 2026 तक पूरी होगी

महाराष्ट्र में 5,500 असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की सदीस भर्ती, मार्च 2026 तक पूरी होगी

महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने नांदेड़ में स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह में एक बड़ी खबर बताई – 5,500 असिस्टेंट प्रोफ़ेसर भर्ती का प्लान, जिसे मार्च 2026 से पहले पूरा किया जाएगा। इस घोषणा ने राज्य‑स्तर के कॉलेजों में चल रही फैकल्टी कमी को लेकर कई सवालों के जवाब दे दिये।

भर्ती योजना का विस्तृत विवरण

सरकारी दस्तावेज़ों के अनुसार, इस भर्ती में केवल असिस्टेंट प्रोफ़ेसर ही नहीं, बल्कि 2,900 गैर‑शिक्षण स्टाफ की भी नियुक्ति शामिल है। वित्त विभाग और योजना विभाग ने दोनों ने इस पहल को मंज़ूरी दे दी है, जिससे प्रशासनिक बाधाएँ अब नहीं रहेगी। जल्द ही एक सरकारी रिज़ॉल्यूशन (GR) जारी किया जाएगा, जिसमें पात्रता मानदंड, आवेदन प्रक्रिया और चयन की विस्तृत विधि बताएगी।

  • 5,500 असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद – सभी वरिष्ठ कॉलेजों के लिए
  • 2,900 गैर‑शिक्षण स्टाफ पद – प्रशासनिक, तकनीकी और समर्थन कार्यों के लिए
  • पहले मंज़ूर 700 विश्वविद्यालय असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद – नए गवर्नर के साथ पुनः विचाराधीन

यह पहल तुरंत ही कई प्रभाव डालने वाली है: कॉलेजों में छात्र‑संख्या बढ़ेगी, शैक्षणिक गुणवत्ता सुधरेगी और प्रदेश की विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षित करने की संभावनाएँ बढ़ेंगी। पाटिल ने कहा कि इस बड़े पैमाने की भर्ती से छात्रों को बेहतर सीखने‑सिखाने का माहौल मिलेगा और साथ ही युवा शिक्षकों को रोजगार के नए दरवाज़े खोलेंगे।

आगे का रास्ता और आशाएँ

आगे का रास्ता और आशाएँ

भर्ती प्रक्रिया के आधिकारिक कदम जलेबी की तरह धीरे‑धीरे सामने आएंगे। उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे महाराष्ट्र उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमिशन (MPSC) की वेबसाइट पर नियमित रूप से नज़र रखें, जहाँ रिज़ॉल्यूशन और भर्ती विज्ञापन प्रकाशित होंगे।

पिछले समय में 700 विश्वविद्यालय‑स्तर के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पदों की नियुक्ति में गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन की सलाह के कारण रुकावट आई थी। अब नए गवर्नर आचार्य देवव्रत के साथ इस मुद्दे को दोबारा उठाया गया है और उम्मीद है कि जल्दी ही इस पर भी स्पष्ट दिशा‑निर्देश जारी होंगे।

यदि सभी चरण सही ढंग से चलें, तो मार्च 2026 तक महाराष्ट्र के सीनियर कॉलेजों में शैक्षणिक शक्ति में नाटकीय वृद्धि होगी। इससे न केवल प्रदेश के छात्रों को बेहतर शिक्षण मिलेगा, बल्कि बाहरी देशों के छात्रों को भी यहाँ अध्ययन करने में रुचि होगी। इस राजनैतिक और सामाजिक पहल का असर लंबी अवधि में शिक्षा के मानकों को ऊँचा रखने में मदद करेगा।

उम्मीदवारों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, लेकिन नियमानुसार समय सीमा और दस्तावेज़ीकरण का ध्यान रखना अनिवार्य होगा। सभी इच्छुकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने शैक्षणिक और अनुभवात्मक योग्यताओं को अपडेट रखें और आधिकारिक अधिसूचनाओं के लिए सतर्क रहें।