January 23, 2014

उत्तराखंड सरकार आने वाले पर्यटको की पहचान वैष्णो देवी व तिरुपति की तर्ज पर, बायोमैट्रीक प्रणाली से चार धाम में होगी शुरुवात

By admin - Thu Jan 02, 10:22 am

apda-uk

 

Rakshit Chauhan

उत्तराखंड ब्यूरो

उत्तराखंड में पिछले साल आई बाढ आपदा के बाद राज्य सरकार आने वाले पर्यटको की पहचान के लिए नई प्रणाली अपनाए जाने की तैयारी में है. इस आपदा के बाद पर्यटको की पहचान सबसे बडी चुनौती है. आज भी 200 से ज्यादा से पर्यटक ऐसे है जिनके शव तो मिल चुके है लेकिन वे कहा से मिले इसकी पहचान प्रशासन नही कर पा रहा है .उत्तराखंड में गत जून माह में आई आपदा में चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में कितने यात्री थे और कितने मार्ग पर, इसकी अभी तक सरकार पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। यहां तक कि आपदा में मरने व लापता होने वाले लोगों का आंकड़ा आज तक कोई पुख्ता आकडे नही है.  ऐसे में भविष्य में अन्य तीर्थ स्थलो पर पर्यटको की पहचाने के लिए इस्तेमाल होने वाले तरीको कम्प्यूट्रीकृत तरीको को शुरु किए जाने की जरुरत समझी जा रही थी. सुत्रो के अनुसार अब प्रदेश में आने वाले हर पर्यटक की पहचान के लिए नई व्यवस्था सुनिश्चित करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के चारों धामों व अन्य पर्यटन स्थलों पर लोगो के आवागमन के ब्योरे को बायोमेटिक्स पर लेने का निर्णय लिया गया है।बायोमेटिक्स तकनिक से प्रदेश में चुनिंदा धार्मिक स्थलो पर आने वाले पर्यटको की संख्या और पहचान के बारे में पूरी जानकारी रखी जा सके। आपदा में राहत बचाव कार्यो के बाद यह बात भी सामने आई कि यदि सीमित संख्या में यात्री इन तीर्थ स्थलों में होते तो हताहतों की संख्या काफी कम हो सकती थी। ऐसे में चार धाम यात्र पर आने वाले यात्रियों के रजिस्ट्रेशन की जरुरत ज्यादा जोर पकड रही है

कहां हो रहा है पर्यटको की पहचान के लिए आधुनिक प्रणाली का इस्तेमाल  

देश में सिर्फ कुछ चुनिंदा धार्मिक स्थल ऐसे है जहां पर्यटको की पहचान के लिए कम्प्यूट्रीकृत प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है. फिलहाल राज्य सरकार वैष्णो देवी व तिरुपति में लागू इस प्रणाली का अध्ययन कर रही है . मै. त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इस पर प्रस्तुतिकरण देने को कहा। यह कंपनी इससे पहले तिरुपति और  वैष्णों देवी में यात्रियों की संख्या की सही स्थिति जानने के लिए बायोमेटिक्स ब्योरा लेने का कार्य कर चुकी है। यह कार्य इसी कंपनी को दिए जाने के लिए सहमति बन चुकी है। यह कार्य एडीबी के जरिये कराया जाएगा।  कंपनी को अभी हार्डवेयर कंपोनेंट लगाने के लिए बजट दिया जाना है। इसके बाद यह कंपनी फ्रेमवर्क शुरू कर देगी।

इस प्रकार रखी जाएगी पहचान

प्रदेश में यात्रियों के आने वाले यात्रियों का बायामेटिक्स ब्योरा लेने के लिए कंपनी जगह-जगह काउंटर लगाएगी। ये काउंटर प्रदेश में आने वाले विभिन्न प्रमुख मार्गो के अलावा यात्र मार्ग व पर्यटन स्थलों पर लगाए जाएंगे। ये सभी एक सर्वर के जरिए एक-दूसरे से जुडे होंगे। इन काउंटर में यात्रियों की फोटो और अन्य जानकारी लेकर एक डाटा बैंक तैयार किया जाएगा। इसके बाद यात्री जहां भी जाएगा, वहां बने काउंटर पर उसकी एंट्री होती रहेगी। ऐसे में यात्री का पूरा रूट ट्रेक हो सकेगा। इसके अलावा कितने यात्री किस जगह गए, इस बात की भी पूरी जानकारी रखी जा सकेगी।

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