August 16, 2014

पवन बंसल के भांजे की तरक्की से कई मंत्रियो के रिश्तेदार जल भून गए होगे ?

By admin - Sat May 04, 1:48 pm

 

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 jaipur 4may 2013

रेल मंत्री के भांजा रिश्वत के साथ पकडे जाना मामुली बात है , सीबीआई ने रेलमंत्री के इशारे पर उनके स्टेटस का पूरा ख्याल रखा है मंत्री जी को सीबीआई काआभार मानना चाहिए रिश्वत की इतनी कम रकम मात्र 90 लाख में उनके रिश्तेदार को देशभर में पहचान दिला दी. देश विदेश में बंसल जी की छवि चमकाने वाले चैनलो को सोचना चाहिए कि 2जी, कोलगेट,कोमनवेल्थ,शारदा चिटफंड घोटालो में मौजूदा सरकार के कई मंत्री रहे और उनके रिश्तेदार ने हजारो करोड के घोटालो में अपनी भूमिका निभाई है ,उनके इस अतुलनीय योगदान को कैसे भुलाया जा सकता है ,पुराने पत्रकार बताते है कि साठ सत्तर के दशक में मंत्रियो के घपलो को सरकारी तंत्र यह कर दबा दिया करता था कि देश का पैसा देश के ही लोगो के काम आ रहा है , अब थोडा बदलाव हो गया है अब देश का पैसे से जब मंत्रियो का पेट फटने लगा तो उनके रिश्तेदारो के पेट भरने का काम शुरु हो गया . हालाकि देश के हुक्मरानो ने पूरा ख्याल रखा है कि गरीब भिखमंगी जनता को रिश्वत में कुछ हिस्सा बिना प्रयास किए मिल जाए इसलिए नरेगा और आधार कार्ड के जरिए सीधे बैंक खातो तक पहुचाने की शुरुवात कर दी हैं. लेकिन देश की जनता को इन घोटालो में भागीदारी कब मिलेगी इसके लिए अभी काफी इंतजार करना होगा .अभी तो देश के कुछ मंत्रियो का पेट फटने तक भरा है उनके रिश्तेदारो का पेट भरने की जिम्मेदारी मजबूरन अब उन पर , सीबीआई उन्हे फालतू में ही परेशान कर रही हैं सीबीआई के अधिकारियो को समझना चाहिए कि उनके पास बगैर रसूक वाले कई केस लम्बित पडे है पहले उन्हे पकड ले फिर देश के होनहार मंत्रियो के रिश्तेदारो को परेशान करने की सोचे.    अब कल रात की बात ही लो बेचारा पवन बंसल का भांजा मामुली रकम से अपना पेट भरने की कोशिश कर रहा था कि किसी सीबीआई वाले ने उसे मामुली समझ कर पकड लिया, बाद में पता लगा होगा कि साहब तो रेलमंत्री के रिश्तेदार है तो आत्मग्लानी हुई. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, क्योकि भांजे को पकडने के बाद ही ऑपरेशन में शामिल किसी गद्दार ने मीडिया को सूचना दे दी थी अब मीडिया आ गई तो शेर बनना मजबूरी था.

वेसे काग्रेस के अन्य मंत्री इस घटना से अपने नजदिकी रिश्तेदारो को डांट पिलाएगे और बंसल के भांजे से प्रेरणा लेने की सलाह देना चाहेगे, बंसल का भांजा जब जमानत पर छूट कर आएगा तो पार्टी (शादी ब्याह समारोहो की पार्टी ) में मौजूदा मंत्री अपने होनहार रिश्तेदारो को मिलवाने में अपनी शान महसूस करेगे. पार्टी में शामिल वो लोग जो बंसल को तो जानते होगे लेकिन भांजे को निकम्मा कह कर अब तक नजरअदाज करते रहे होगे वो शर्मिंदा होकर माफी मांगने की भी सोच रहे होगे, औरते दबी जुबान में रह रह कर कहेगी शक्ल से इतना होनहार नही लगता है अपने मामा पर गया है . आगे जाकर मामा की जगह रेलमंत्री बन मामा के पदचिन्हो पर चलेगा. पार्टी में शामिल कई मंत्रियो के रिश्तेदार जो छोटे मोटे घपलो से अपना पेट भरते होगे ये वो लोग है जो रेलमंत्री के भांजे जितने पॉपूलर नही हुए ,इस घटना के बाद एक नियम बना लेने की सोच रहे होगो नियम ये कि ,ऐसे किसी मंत्री की पार्टी में नही जाना जिसका रिश्तेदार पेट भरने के लिए छोटे मोटी रकम खाता हो, वैसे बंसल के भांजे को अब काग्रेस पार्टी ने अगले चुनावो के मद्देनजर कोई बडी जिम्मेदारी दिए जाने के विकल्प पर विचार करना शुरु कर दिया होगा ,आखिरकार उनका भी तो कोई फर्ज बनता है भाई .

बंसल साहब के भांजा प्रकरण से सीबीआई की मुश्किले बढ जाएगी , सिन्हा साहब को अब कई मंत्री अपने रिश्तेदारो की काबलियत साबित करने के लिए दबाव बनाएगे. लेकिन सिन्हा साहब क्या करे उनके पास तो प्रधानमंत्री कार्यालय और मंत्रालय के लोगो के प्रपोजल्स का ढेर है.

 

DSc_4079

देवेन्द्र सिंह के फेसबुक लिंक से साभार  http://www.facebook.com/devender.jpr/posts/4882511303761 आप उपरोक्त व्यग्य लेख पर आपके विचार / प्रतिक्रिया मो 9414165602 या [email protected] से अवगत करवा सकते हैं

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