कश्मीर अनुच्छेद 370 हटा, कानूनी दावपेंच और दुनिया मे माहौल सामान्य बनाना बड़ी चुनौती

Delhi केंद्र सरकार ने संसद में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 खत्म करने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही अब केन्द्र सरकार के लिए कश्मीर में शांति बनाए रखऩा और इस प्रस्ताव के कानूनी दावपेंच से बचाना बड़ी चुनौती होगी। वही भारत की विदेश नीति के लिए पाकिस्तान की बोखलाहट को दुनिया अनसुना करे यह अहम कदम होगा।

प्रस्ताव का विरोध करने वाली कांग्रेस और अन्य दलो के लिए यह कहना मुश्किल होगा कि उन्हे इसका लाभ मिल सकेगा। माना जा रहा है कि कश्मीर मुद्दे पर भारत के अन्य राज्यो की क्षेत्रिय पार्टीयां खुलकर विरोध करने से बचेगी और बीच का रास्ता निकालने का प्रयास करेगी। बीजेपी समर्थको का मानना है कि मोदी सरकार के इस कदम से आने वाले राज्यो के विधानसभा चुनावो में पार्टी को फायदा होगा।

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त सोमवार को विपक्ष के हंगामे व शोरशराबे के बीच अनुच्छेद 370 खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया। सदन ने शाम को चर्चा के बाद इसे मंजूरी भी दे दी। अनुच्छेद 370 खत्म करने के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विरोध में सिर्फ 61 वोट पड़े। कई विपक्षी पार्टियों ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले के पक्ष में वोट डाला।


कश्मीर दो हिस्सो में बंटा
इस प्रस्ताव के तहत जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग करने के फैसले का भी ऐलान किया। ये दोनों केंद्र शासित प्रदेश होंगे। मतलब अब जम्मू कश्मीर की स्थिति दिल्ली के जैसी होगी। कश्मीर में विधानसभा तो होगी, लेकिन ज्यादा अधिकार उप राज्यपाल के पास होंगे। जबकि लद्दाख की स्थिति चंडीगढ़ जैसी होगी। जम्मू कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल भी अब छह की बजाय पांच साल का होगा। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने सोमवार को जम्मू कश्मीर सरकार से संबंधित संविधान (जम्मू कश्मीर में लागू) आदेश 2019 जारी किया। यह राज्य में भारत का संविधान लागू करने का प्रावधान करता है। राष्ट्रपति की ओर से जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। यह जम्मू कश्मीर में लागू आदेश 1954 की जगह लेगा।

विदेश नीति की अहम परीक्षा
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हालांकि भारत सरकार के इस फैसले की निंदा या आलोचना नहीं की है। अमेरिका ने कहा, “हमें ज्ञात है कि भारत सरकार इसे अपने देश का आंतरिक मामला बता रही है लेकिन हम लोगों को हिरासत में लेने की खबरों को लेकर चिंतित हैं।”

इधर पाकिस्तान ने भारत सरकार के कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने के बाद के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके इस फैसले की कड़ी आलोचना की और भारत सरकार के इस फैसले को खारिज कर दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा,“भारत सरकार का एकतरफा कदम इसके विवादित स्वरूप को बदल नहीं सकता क्योंकि यह मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में शामिल है।

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