जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि थाने में आए हर फरियादी की सम्मान के साथ सुनवाई और एफआईआर दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर हर परिवाद की एफआईआर दर्ज करने से दर्ज अपराधों की संख्या बढ़ती है तो इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारा प्रयास है कि हर पीड़ित को न्याय मिले और पुलिस के प्रति उसका नजरिया बदले।
गहलोत मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस का व्यवहार आमजन के साथ फ्रेंडली होना चाहिए। अगर कहीं से भी परिवाद दर्ज करने में आनाकानी या व्यवहार को लेकर शिकायत मिलती है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार की यह भावना हर थाने एवं चौकी तक पहुंचनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए हर थाने में स्वागत कक्ष बनाने के निर्देश दिए, जहां प्रत्येक परिवादी सम्मान के साथ अपना परिवाद दर्ज करा सके। गहलोत ने कहा कि थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि पुलिस के व्यवहार एवं वहां होने वाली गतिविधियों की भी प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि पुलिस के व्यवहार में बदलाव के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए और प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही इसे पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। गहलोत कहा कि रिक्त पदों को भरने के लिए 8 हजार 600 कॉन्स्टेबल एवं 706 एसआई की भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की जाए।
माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बजरी, खनन, भूमि चिटफण्ड आदि से जुड़े माफियाओं के मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे मातहत पुलिसकर्मियों को ऎसे संगठित माफिया गिरोह के विरूद्ध कार्रवाई के लिए प्रेरित करें एवं ऎसे मामलों पर कड़ी नजर रखें। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को इस सम्बन्ध में किए जा रहे डिकॉय ऑपरेशनों को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
कस्टडी में मौत तो सख्त कार्रवाई
गहलोत ने पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस का काम सुरक्षा देना है। यदि पुलिस कस्टडी में ही मौत होती है तो दोषी पुलिसकर्मियों को केवल निलम्बित करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
युवा पीढ़ी को नशीले पदार्थों से बचाएं
मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी में बढ़ रहे नशे के चलन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे हमारी आने वाली पूरी पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी। पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारी प्रदेश में नशीले पदार्थोें के अवैध कारोबार को सख्ती से रोकें और हुक्का बार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं। इस सम्बन्ध में यदि कोई विधिक बाधा आती है तो उनका अध्ययन कर ऎसे कानूनों को अमलीजामा पहनाएं।
गौ रक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने का हक नहीं
गहलोत ने गौ तस्करी, मॉब लिंचिंग, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों, साइबर एवं आर्थिक अपराधों आदि पर लगाम लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर भीड़ को कानून हाथ में लेने का हक नहीं है, ऎसे अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। पहले ऎसे कई मामलों में प्रदेश की छवि खराब हुई है। इन मामलों में पुलिस प्रोएक्टिव रहकर संवेदनशीलता के साथ काम करे ताकि ऎसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस का रेस्पोंस टाइम क्विक हो तो आधे अपराध तो स्वतः ही कम हो जाएं।
सीएम हर चार माह में करेंगे पुलिस के काम की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसपी अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के आचरण, व्यवहार एवं उनके कार्य का मूल्यांकन समय-समय पर कर इसकी रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को नियमित रूप से भेजें। इसी प्रकार आईजी अपनी रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों की रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को भेजें। प्रत्येक चार माह में मुख्यमंत्री के स्तर पर इनकी समीक्षा की जाएगी।
गहलोत ने राजस्थान पुलिस की सुरक्षित एवं तेज संचार व्यवस्था से सम्बन्धित मोबाइल एप्लीकेशन ‘राजकॉप‘ के पोस्टर का विमोचन भी किया। इससे पहले पुलिस महानिदेशक श्री कपिल गर्ग तथा महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एमएल लाठर ने पुलिस की विभिन्न शाखाओं एवं इनकी कार्यप्रणाली, कानून व्यवस्था, अपराधों की रोकथाम, नवाचारों, प्रभावी पुलिसिंग के उपायों आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य सहित पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।