मक्का से मदीना जा रही बस में भयानक दुर्घटना: 45 भारतीय उम्राह यात्री की मौत

मक्का से मदीना जा रही बस में भयानक दुर्घटना: 45 भारतीय उम्राह यात्री की मौत

मक्का से मदीना की ओर जा रही एक बस और डीजल टैंकर के बीच भयानक टक्कर के बाद बस आग की लपटों में बदल गई, जिसमें 45 भारतीय उम्राह यात्री की मौत हो गई। यह दुर्घटना सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर 17 नवंबर, 2025 को सुबह घटी, जब ज्यादातर यात्री नींद में थे। बस के एकमात्र बचे यात्री मोहम्मद अब्दुल शोइब, 24, जो हैदराबाद के रहने वाले हैं, ड्राइवर के पास बैठे होने की वजह से खिड़की से कूदकर जान बचा पाए। वह अभी सऊदी अरब के किसी अस्पताल के आईसीयू में गंभीर हालत में हैं।

एक बस, 45 जानें — एक अनोखी त्रासदी

बस में कुल 46 यात्री थे। एक बच गया, बाकी सभी की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। आग इतनी तेजी से फैली कि बचने का कोई मौका नहीं रहा। बस पूरी तरह जलकर राख हो गई। बचे हुए शरीरों की पहचान अभी भी जारी है। सऊदी अधिकारी और भारतीय दूतावास के टीम एक साथ काम कर रहे हैं। लोग अपने प्रियजनों के शवों को वापस लाने के लिए बेकरार हैं।

भारत सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया

सुब्रह्मण्यम जयशंकर, विदेश मंत्री, रूस के दौरे पर थे जब यह खबर आई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा: "रियाद में हमारा दूतावास और जेद्दा में संस्थान इस दुर्घटना से प्रभावित परिवारों को पूरा समर्थन दे रहे हैं।" नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया। भारतीय विदेश विभाग ने जेद्दा भारतीय राजदूतावास में 24x7 कंट्रोल रूम शुरू किया — जिसमें परिवारों की संपर्क सूची, शवों की पहचान और पुनर्वाहन की व्यवस्था चल रही है।

तेलंगाना सरकार की जल्दी अभियान

मृतकों के अधिकांश निवासी तेलंगाना के हैदराबाद और आसपास के इलाकों से हैं। राज्य सरकार ने तुरंत एक विशेष दल भेजने का फैसला किया। मोहम्मद अजहरुद्दीन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, इस दल की अगुवाई कर रहे हैं। उनके साथ अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विधायक और एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि प्रत्येक शहीद के परिवार के दो सदस्यों को सऊदी अरब जाने का खर्च उठाया जाएगा।

सामाजिक मीडिया पर गलत जानकारी का फैलाव

दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हुईं — जिनमें से कई किसी और दुर्घटना की थीं। एक X (पहले ट्विटर) अकाउंट Cool_Ustaaz ने एक अलग बस दुर्घटना की तस्वीरें शेयर कीं, जिन्हें लोग इस दुर्घटना की समझ रहे थे। मिसबार, एक फैक्ट-चेकिंग एजेंसी, ने 18 नवंबर को एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करके इन गलत तस्वीरों को नकारा। उन्होंने स्पष्ट किया: "इन तस्वीरों में आग में जली हुई बस नहीं है।" यह भ्रम लोगों को और अधिक तनाव में डाल रहा था।

क्या हुआ था? और अब क्या होगा?

किसी को नहीं पता कि बस और टैंकर के बीच टक्कर क्यों हुई। क्या ड्राइवर थक गया था? क्या बस की ब्रेक खराब थी? क्या टैंकर गलत दिशा में जा रहा था? सऊदी अधिकारी अभी जांच कर रहे हैं। पहले के कुछ दुर्घटनाओं की तरह, यहां भी रात के समय और बस के अतिरिक्त भार की बात उठ रही है। भारतीय यात्री अक्सर सस्ते टूर ऑपरेटर्स के माध्यम से उम्राह करते हैं — जिनके पास अक्सर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होता।

परिवारों का दर्द — बस एक शब्द नहीं

हैदराबाद के एक घर में एक मां अपने बेटे के फोटो को चूम रही हैं। दूसरे घर में एक बेटी अपने पिता के नाम के साथ एक दुआ की किताब बांधे बैठी है। यह बस एक यात्रा नहीं, एक अंतिम सफर बन गई। जो लोग इबादत के लिए निकले थे, वे शहीद हो गए। जिनके पास बचे थे, उनकी आंखों में अब सिर्फ एक सवाल है — अब क्या होगा?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस दुर्घटना में कितने भारतीय मारे गए?

अधिकांश स्रोतों, जिनमें इकोनॉमिक टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया शामिल हैं, के अनुसार 45 भारतीय यात्री मारे गए। बस में कुल 46 यात्री थे, जिनमें से एक बच गया — 24 साल का मोहम्मद अब्दुल शोइब।

बचे हुए यात्री की हालत क्या है?

मोहम्मद अब्दुल शोइब को बस के खिड़की से कूदकर जान बचाई। उन्हें गंभीर जलन और चोटों के कारण आईसीयू में भर्ती किया गया है। अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि उनकी हालत अभी भी अस्थिर है।

भारत सरकार ने इस दुर्घटना के लिए क्या कदम उठाए हैं?

विदेश मंत्री जयशंकर ने रियाद और जेद्दा में दूतावास को पूरा समर्थन देने का निर्देश दिया। जेद्दा में 24x7 कंट्रोल रूम चल रहा है। तेलंगाना सरकार ने एक विशेष दल भेजा है और प्रत्येक परिवार के दो सदस्यों को सऊदी अरब भेजने का खर्च उठाने का वादा किया है।

क्या इस दुर्घटना की जांच हो रही है?

हां, सऊदी अरब की पुलिस और परिवहन अधिकारी जांच कर रहे हैं। अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है। लेकिन ऐसे दुर्घटनाओं की पिछली घटनाओं में ड्राइवर की थकान, गाड़ी की खराब हालत और अनियमित यातायात नियमों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

शवों की पहचान और वापसी कब होगी?

शवों की पहचान अभी जारी है — कई शरीर इतने जल चुके हैं कि डीएनए टेस्ट की जरूरत है। सऊदी अधिकारी भारतीय दूतावास के साथ मिलकर यह प्रक्रिया चला रहे हैं। पहले शवों को भारत भेजने की उम्मीद 25 नवंबर तक है, लेकिन यह समय निर्भर करेगा पहचान की गति पर।

क्या इस दुर्घटना के बाद उम्राह यात्राओं पर रोक लगेगी?

अभी तक कोई आधिकारिक रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन भारतीय यात्री और टूर ऑपरेटर्स अब अपनी बसों की सुरक्षा और चालकों की योग्यता की जांच कर रहे हैं। कुछ राज्य सरकारें अब अपने नागरिकों को सुरक्षित टूर पैकेज की ओर ले जा रही हैं।