राजस्थान में जल्द ही ग्रामीण बस सेवा की दोबारा शुरुवात होगी। गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल में ग्रामीण इलाको को शहरो और कस्बो से जोडे जाने वाली इस महत्वकांशी योजना शुरु किए जाने के लिए कवायते शुरु हो गई है। जयपुर में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम मुख्यालय में अहम बैठक हुई। बैठक में पूर्व में ग्रामीण बस सेवा योजना से जुड़े बस ऑपरेटरर्स और रोड़वेज के आला अधिकारियों
शामिल रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य इस योजना को शुरु करने से जुडे विभिन्न पहलुओ पर चर्चा और कार्ययोजना बनाए जाना था।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक आईएएस शुचि शर्मा ने इंडिया प्राइम को बताया कि गहलोत सरकार के जन घोषणापत्र में ग्रामीण बस सेवा शुरु किए जानेका वादा किया गया है और सरकार और निगम की ओर से इस संदर्भ में पूर्व योजना में शामिल बस ऑपरेटर्स के प्रतिनिधियों के साथ विचार विर्मश किया गया। बस
ऑपरेटर्स की तरफ कई सुझाव और दिक्कतो का जिक्र किया गया। निगम नें इस संदर्भ में एक कमेटी बनाए जाने का निर्णय किया है जो पूर्व बस ऑपरेटर्स के सरकार पर बकाया राशी के भुगतान और नये सिरे से ग्रामीण बस सेवा शुरु किए जाने की सम्भावनाओ पर 3 महीनो में रिपोर्ट देगी।
करणी कृपा ग्रामीण परिवहन बस सेवा
बैठक में शामिल बस ऑपरेटर्स ने पिछली योजना की कई शर्तो को हूबहू लागू किए जाने पर सहमति जताई है। लेकिन ऑपरेटर्स के सामने सबसे बड़ी समस्या वर्ष 12 -13 में गहलोत सरकार पर भरोसा करने के कारण बीजेपी सरकार के दौरान अटके पिछले बकाया का मामला मुख्य रुप से सामने आया।
करणी कृपा ग्रामीण बस सेवा के निदेशक महेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि उन्होने रोड़वेज आला अधिकारियों से कहा कि पिछली गहलोत सरकार पर भरोसा कर प्रदेश भर के बस ऑपरेटर्स ने बैंको से अपने घर मकान गिरवी रख लाखो रुपय कर्ज लेकर उन ग्रामीण रुट्स पर बस लगाई ये वो रुट्स थे जहां रोड़वेज घाटे का सौदा मानकर बस चलाने से कतरा रहे थे। बदले में सरकार ने बस ऑपरेटर्स को होने वाले घाटे की भरपाई वीजीएफ योजना के तहत तय राशी प्रति किलोमीटर के अनुसार भुगतान करती थी।लेकिन जैसे ही बीजेपी सत्ता में आई वसुँधरा राजे सरकार ने ग्रामीण बस सेवा की वीजीएफ स्कीम बंद कर दी और बस ऑपरेटर्स के करोड़ो रुपय बकाया भी नही चुकाये।
बस ऑपरेटर्स ने वसुंधरा राजे सरकार से कई स्तर पर वार्ता की लेकिन मजबुरन बस ऑपरेटर्स को घाटे वाले रुट्स पर बस बंद करनी पड़ी। बैठक में बस को नए सिरे से शुरु किए जाने की योजना से जुडे सुझाव में मांगे गए। माना जा रहा है कि बैठक की रिपोर्ट के बाद परिवहन और निगम सरकार को भेजेगी।
बैठक में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम प्रबंध निदेशक शुचि शर्मा के अलावा यु़डी खान समेत कई अधिकारी और बस आपरेटर्स शामिल रहे। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिसम्बर में उदयपुर में ग्रामीण बस परिवहन सेवा का शुभारम्भ किया था इसके बाद राज्य के के 33 जिलो में 1600 से अधिक बसो के के जरिए ग्रामीण क्षेत्रो की जनता को शहरो कस्बो से जोड़ा गया था।