किसान सोच में बिचौलिए मौज में, दाल आसमान पर प्याज जमीन पर

Business desk किसान की मेहनत उसे ही रुला रही हैं, नासिक में किसान से प्याज 50 पैसे किलो खरीदा रहा हैं। जबकि कोलकत्ता में किसान के खेत से दाल 70 रुपय किलों तक खरीदी जा रही हैं। दिल्ली में जनता को प्याज 13 रुपये किलो बिक रही हैं वही दाल 170 तक बेची जा रही हैं। किसान से सस्ते में प्याज और दाल लेकर, जनता को मंहगे दामों पर व्यापारी पहली बार नही बेच रहे। अक्सर किसान रोता है और बिचौलिए मौज करते हैं।

देश में यह दो तस्वीरे चाहे कोई सरकार आए ऐसी ही रहती हैं, बदलते है तो सिर्फ बिचौलिए।प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में जहां प्याज की थोक कीमत 1 रुपये प्रति किलोग्राम हैं। किसान प्याज जानवरों को खिलाने पर मजबूर हैं। होशंगाबाद में 35 हजार क्विंटल प्याज खराब होने की वजह से फैकना पड़ा।

किसानों के हाल बेहाल

थोक कारोबारियों ने बताया कि किसान को 10 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक कीमत मिलने पर ही लागत वसूल हो सकती है।मध्य प्रदेश में प्याज की थोक कीमत 1 रुपये किलो आ गई है। किसान घरों में जमा प्याज को पशुओं को खिलाने पर मजबूर हैं। प्याज के भाव इतने गिर चुके हैं कि किसानों इसे ट्रैक्टर में लादकर मंडी तक लाना महंगा पड़ रहा है। इसलिए घरों में प्याज जमा कर रखी है जिसे वे पशुओं को खिला रहे हैं। थोक कारोबारियों ने बताया कि होशंगाबाद में 35 हजार क्विंटल प्याज को खराब होने की वजह से फेंकना पड़ा। वहीं नासिक में प्याज के दाम 50 पैसे प्रति किलोग्राम तक आ गए हैं। किसान अब इसे बेचने के बजाय फेंकना ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं। पिछले साल प्याज की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक जाने की वजह से इस साल प्याज की बंपर फसल हो गई।

अब मंडी की बात करे। दिल्ली आजदपुर मंडी में इन दिनों भारी प्याज की आवक हो रही हैं। स्थानीय थोक कारोबारियों की माने तो हर रोज औसतन 1500 टन प्याज बढ़कर 2800 टन तक पहुच गई। पिछले साल यही प्याज 60 रुपय किलो तक बेची गई थी और किसान के खेत खरीद 30 रुपय प्रति किलो तक हुई थी।

किसान की मेहनत, दाम व्यापारी वसूल रहे हैं

अरहर दाल, महाराष्ट्र व विदेशों से बिहार, बंगाल व झारखंड आदि राज्यों में आती है।थोक बाजार में कीमतें घटने के बावजूद खुदरा बाजार में दालों की कीमतें जस की तस बनी हुई हैं। महाराष्ट्र के थोक बाजारों में अरहर दाल 7,000 रुपये प्रति क्विंटल खरीद कर खुदरा दुकानों पर 130 रुपये -140 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। थोक बाजार, खुदरा दुकान,फिर आपके हाथ तक पहुंचते-पहुंचते दाल की कीमतें दोगुनी हो रही हैं। कोलकाता में एक सप्ताह पहले अरहर दाल प्रति क्विंटल 12,500 रुपये बिक रही थी, अब अरहर दाल थोक बाजार में 9,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।

वही दाल कोलकाता बाजार में थोक भाव क्विटंल 6800 से 9000 तक खरीदी जा रही हैं।
थोक कीमत प्रति क्विंटल /प्रति किलो खुदरा कीमत प्रति किलो
अरहर दाल 9,000 रुपये /90 रुपये 130-140 रुपये
मूंग दाल 6,800-8,800 रुपये / 68-88 रुपये 120-160 रुपये
चना दाल 8,850 रुपये /88.50 रुपये 115-120 रुपये
मंसूर दाल 7,000-8,200 रुपये /70-82 रुपये 110-115 रुपये

दोनों राज्यो में खुदरा दुकानों में दालों की कीमत भले ही दिल्ली,राजस्थान के मुकाबले कुछ रुपय कम हो लेकिन आम आदमी तक दालों की पहुचने में दुगना अंतर खुदरा व्यापारियों की जमाखोरी से आ रहा हैं। एक बार दाल की कीमत बढी तो उसे व्यापारी उसे घटना नही चाहते। बिचौलिए मंहगे में बेच कर अपना मुनाफा लेकर निकल जाते हैं। सरकार सिर्फ बयानबाजी के अलावा कुछ नही कर रही। कारोबार से जुड़े लोगो का कहना है कि खुदरा कीमतों पर भी लगाम लगाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें कदम उठाने होगे,तभी इनका लाभ आम लोगों को मिलेगा। केवल थोक बाजारों पर नकेल कसने के साथ साथ खुदरा बाजारों पर सरकार लगाम लगाए तभी कुछ असर नजर आएगा। अन्यथा नतीजा दाले आम आदमी को ये मूँह और मसूर की दाल कहकर मजाक उडा रही हैं।

 

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