मदन लाल सैनी मुख्यमंत्री पर सीधा हमला करने से कतराते हैं ?

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jaipur देवेन्द्र सिंह  राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी राजस्थान के मुख्यमंत्री पर सीधा हमला करने से क्यों कतराते हैं। यह सवाल एक बार फिर पत्रकारों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से पूछा। मामला जयपुर बीजेपी मुख्यालय में अलवर के थानागाजी इलाके में नव दंपति के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के संदर्भ में बुलाई गई । प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने सीधे तौर पर इस घटना को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेवार प्रदेश के गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे पूछा के गृहमंत्री कौन है तो उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री शब्द का इस्तेमाल किया। लेकिन मुख्यमंत्री कौन है इसका जवाब उन्होने देना जरुरी नही समझा।

लेकिन पत्रकारों के बार-बार सवालों से बेचैन मदन लाल सैनी ने फिर अपना बयान गृहमंत्री जो कि सरकार के मुख्यमंत्री के पास है इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। इस पूरे बयान में वे यह भूल गए कि प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम अशोक गहलोत है। सवाल आखिर यह है कि राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधा हमला करने से क्यों कतराते हैं। इससे पहले भी कई बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद और नई सरकार बनने के बाद मदन लाल सैनी ने गहलोत सरकार पर नही कांग्रेस सरकार की नाकामियों को उजागर किया है लेकिन सीधा अशोक गहलोत पर हमला कभी नहीं किया। सवाल यह उठता है कि आखिर कार मदन लाल सैनी ऐसा क्यों कर रहे हैं ।

गौरतलब है कि बीजेपी सरकार के दौरान ही मदन लाल सैनी को प्रदेश अध्यक्ष उस वक्त बनाया गया था, जब गजेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच खींचतान चल रही थी। ऐसे में पार्टी के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जातिगत गणित को बैलेन्स करने के लिए बीजेपी के कर्मठ नेता मदन लाल सैनी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की वकालत की। मदन लाल सैनी प्रदेश अध्यक्ष तो बन गए लेकिन उन्होंने कभी भी सीधे तौर पर अशोक गहलोत पर हमला करने का साहस नही जुटा पाए। 

राजनैतिक षड़यत्र कैसे

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से जब यह पूछा गया कि पार्टी इसे राजनैतिक षड़यत्र कैसे मान रही है। उनका कथन था कि बलात्कार की घटना को प्रदेश में चुनाव होने के कारण नुकसान होता इसलिए अपराधियो को खुलेआम पिडितो को प्रभावित करने के लिए छोड़ दिया। पार्टी अध्यक्ष ने अलवर की घटना को निर्भया कांड जैसा बताते हुए पार्टी नेताओ की एक कमेटी बनाई है ,इसमें राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा तथा वित्त आयोग की पूर्व अध्यक्ष डाॅ. ज्योति किरण शुक्ला को शामिल किया गया है। यह समिति पीड़िता तथा सम्बन्धित अन्य लोगों से मिलकर अपनी रिपोर्ट देगी.

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