4 साल में राज्य में वन सम्पदा एवं वन्य जीव संरक्षण के उल्लेखनीय प्रयास

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जयपुर, 11 दिसम्बर। वन मंत्री गजेन्द्र सिहं खींवसर ने कहा कि प्रदेश में हाल के 4 वषोर्ंं में राज्य में वन सम्पदा एवं वन्य जीव संरक्षण की दिशा में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है इससे राज्य में पर्यटन की दृष्टि से बेहतर माहौल बनेगा एवं राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी ।खींवसर सोमवार को वन मुख्यालय अरण्य भवन में राज्य सरकार के कार्यकाल के 4 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वन विभाग की उपलब्धियों के बारे में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

खींवसर कहा कि गत 4 वर्षों में प्रदेश के वन क्षेत्रों में 2.23 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया है व 930.62 लाख पौधे रोपित किये गये हैं ।उन्होंने बताया कि प्रदेश में 122 लाख की लागत से नोलक्खा किला स्मृति वन, झालावाड़, अजमेर में जयपुर पुष्कर बाईपास मुख्य मार्ग पर 20 हैक्टेयर में हर्बल गार्डन, सीकर में 783 लाख की लागत से स्मृति वन व उदयपुर में गोवर्धन सागर तालाब के पास 46 लाख की लागत से स्मृति वन विकसित कर आम जन के लिये खोल दिया गया है । चूरू में 11.66 करोड़ की लागत से नेचर पार्क का विकास किया जा रहा है ।

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प्रेसवर्ता को सम्बोधित करते वन मंत्री गजेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव, वन श्री एन0सी0 गोयल व अन्य अधिकारी

आम जन को शुद्व पर्यावरण व भ्रमण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु वन विभाग द्वारा जयपुर, उदयपुर कोटा व अजमेर में नगर वन उधानों को तेजी से विकसित कराये जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जयपुर में स्मृति वन की तर्ज पर बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बांरा, बाड़मेर व जालौर में स्मृति वन विकसित किये जा रहे हैं ं

वन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने उदयपुर में सज्जनगढ़ बायोेलोजिकल पार्क, जयपुर में नाहरगढ़ जूलोजिकल पार्क एवं जोधपुर में माचिया बायोलिजकल पार्क का निर्माण करवाया है व बीकानेर में मरूधरा बायोलोजिकल पार्क, कोटा में अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क तथा अजमेर में बायोडाईवर्सिटी पार्क के विकास हेतु राशि स्वीकृत करने के साथ-साथ टाईगर रिजर्व क्षेत्रों में ईंधन व अन्य पाकृतिक संसाधनों पर दबाव कम करने की दृष्टि से 12500 अनुदानित गैस कनेक्शन व जलाउ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना के तहत 46 हजार से अधिक गैस कनेक्शन 100 प्रतिशत अनुदान पर दिये गये हैं ।

राज्य में पैथंर की संख्या में काफी बढ़ोतरी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह परियोजना देश में पहली बार शुरू की गई है व झालाना पैंथर सफारी को विश्व स्तरीय बनाने हेतु 15 करोड़ की लागत से विकास कार्य करवायो जा रहे है। झालाना वन क्षेत्र में पर्यटक भ्रमण की सुविधा उपलब्ध करवाई गई हेै ।

उन्होंने बताया कि आमेर में 8 करोड़ की लागत से हाथी गांव का विकास करवाया गया है । गोडावण के संरक्षण के लिये राष्ट्रीय मरू उधान जैसलमेर में विकास कार्य, रणथम्भौर, सरिस्का व केवलादेव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटकों की सुविधा हेतु राजकॉम्प के माध्यम से आनलाईन व ई-मित्र के माध्यम से बुकिगं की व्यवस्था शुरू की गई है ।खींवसर ने बताया कि रणथम्भोर टाईगर रिजर्व में वन्य जीवों की सुरक्षा हेतु 112 पुलिसकर्मियों की स्पेशल टास्क फोर्स लगाई गई है ।

खींवसर ने बताया कि 400 वर्ग किलो मीटर में फैले रणथम्भोर टाईगर रिजर्व के आस-पास बसे लोगों व पर्यटन व्यवसाय से जुड़े सभी पक्षों को रोजगार के अवसर मिले है लेकिन रणथम्भौर में बाधों की संख्या बढ़ने से अब उनकी प्रजनन संख्या में गिरावट आ रही है इसे देखते हुए अब सरिस्का अभ्यारण्य जो लगभग 1200 वर्ग किलो मीटर में फैला हुआ है व देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक है व पर्यटकों को यहॉ पहुंचने के लिये पर्याप्त साधन मौजूद है इसे देखते हुए अब सरिस्का में बाधो की संख्या बढ़ाने व पर्यटन की दृष्टि से आवश्यक सुविधाये विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा ।

उन्होंने कहा कि मुकन्दरा हिल्स में बाधों को शिफ्ट करने की विभाग की पूरी तैयारी है व नेशनल टाईगर रिजर्व से बाधों को शिफ्ट करने की स्वीकृति भी मिल गई है व वहॉं प्रोग्रेस पूरी तरह तैयार है ।उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने हेतु व किसानो के रोजगार में वृद्वि हेतु 32 प्रजाति के वृक्षों को ट्रांजिट पास की आवश्यकता से मुक्त कर दिया गया है ।

इस अवसर पर खींवसर ने वन विभाग की 4 साल की उपलब्धियों के ब्रोशर का विमोचन किया साथ ही पत्रकारों को राष्ट्रीय मरू उधान में कराये जा रहे कार्यों व मुख्य मंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में कराये गये कार्यों व वृक्षारोपण के पश्चात्त उनके संधारण व वर्तमान परिदृश्य पर केन्द्रीत एक फिल्म भी दिखाई गई ।

इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन एन0सी0 गोयल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए0एस0 बरार, डॉ0 जी0वी0 रेड्डी एवं डॉ0 सुरेश चन्द्र सहित वन विभाग के अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे।

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