दो हजार के नोट में कौन सा सिक्यूरिटी फीचर्स है, जिसे यूज कर कालाधन पकड़ा जा रहा है ?

बिजनेस डेस्क  सोशल साइट पर दो हजार के नए नोट के सिक्यूरिटी फीचर्स को लेकर अफवाहो का बाजार गर्म है। अफवाहे सरकारी तंत्र के बाद लगातार पड़ रहे छापो और उनमें मिलने वाले दो हजार के नोटो को लेकर है। सोशल मीडिया में नया मैसेज वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि दो हजार के नोट में रेडियोऐक्टिव इंक लगी हुई है। इसी स्याही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कालेधन की जानकारी दे रही है।

इन दिनों सरकारी एजेंसियों के छापों में कालाधन पकडा जा रहा है। रेडियोएक्टिव इंक का नाम फॉस्फोरस-32 है।  यह इंक जब ज्यादा इक्टठी हो जाए तो सकेंत छोडने लगती है।  ऐसे में ज्यादा दो हजार के नोट मतलब ज्यादा सकेंत कहा जा रहा है कि इसी फीचर की मदद से सरकारी एजेसियों को जमा नए नोटो की जानकारी मिल रही है।

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इसबात का आरबीआई ने कोई स्पष्टीकरण नही दिया है। लेकिन 2000 रु के नोट से गुलाबी रंग छूटने को आरबीआई ने सिक्यूरिटी फीचर बताया था। हालाकि वित्त मंत्रालय स्पष्ट कर चुका है कि नोट में कोई नही चीप लगी है।

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इस विषय के विशेषज्ञों की माने तो फॉस्फोरस 32 पद्दार्थ से बनी स्याही किसी भी कम्पोनेंट को रेडियोएक्टिव बना सकती हैं। लेकिन क्या सरकारी तंत्र के पास इतनी जल्द इस इंक को पकडने वाले यंत्र आ गए । इस सवाल का जवाब हा नही है क्योकि सरकारी तंत्र की लम्बी प्रक्रिया के चलते यह सम्भव कम लगता है।

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