एटीएम हैक हो सकते हैं सत्तर फीसदी बैंकों के, हैकर्स के बेहद आसान

बिजनेस डेस्क नोटबंदी के बाद एटीएम के बाहर लगी लंबी कतारों से अभी लोगो का वास्ता छूटा नही कि एक नई परेशानी लोगों के लिए चिंता का सबब हो सकती है। हैक हो सकते है भारत के 70 फीसदी एटीएम । एटीएम हैक को साइबर अटैक से बचने के लिए कोई तकनीकी सपोर्ट मौजूद नही है। द इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक भारत के 2.02 लाख एटीएम है इनमें से 70 फीसदी ऐसे हैं जो जिन पर पुराने विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल हो रहा है।

कैसे एटीएम हैक हो सकते है

इन एटीएम में सिक्योरिटी अपडेट और सिक्योरिटी चेक की सुविधा उपलब्ध ही नहीं है। परेशानी की बात यह है कि 8 अप्रैल 2014 के बाद से विंडोज एक्सपी के लिए माइक्रोसॉफ्ट इन एटीेएम की सुविधा बंद कर चुका है।

8 नबंर को नोटबंदी के बाद लंबी कतारें जनता के धैर्य का इम्तिहान ले रही हैं। वहीं ऐसा भी हो सकता है कि कोई हैकर आपके एटीएम कार्ड से संबंधित गुप्त जानकारी हासिल कर हैक कर ले।

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हैकिंग के जानकारों का मानना है कि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज एक्सपी के लिए कोई सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध नहीं कराता है।इसलिए अब एटीएम को अपग्रेड किया जाना सम्भव नही है। इसके अलावा इन कम्प्यूटर्स पर मालवेयर आ जाए तो निपटने के कोई इंतजाम नहीं है।

इधर एटीएम लगाने वाली कंपनी एनसीआर ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया है कि एटीएम को अपडेट करने की जिम्मेदारी बैंकों पर है। मतलब आसानी से एटीएम हैक हो सकते है

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सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर एक्पर्ट्स का मानना है कि अनसपोर्टेड विंडो एक्सपी में अक्सर मालवेयर मिलते है और मिले हैं। भारत के 75 प्रतिशत एटीएम अनसपोर्टेड विंडोज एक्सपी पर ही आधारित हैं। वहीं दूसरी ओर एफएसएस के प्रजिडेंट के वी बालासुब्रमण्यम ने कहा है कि ज्यादातर एटीएम पिछले चार सालों में बदल दिए गए हैं।

एटीएम लगाने वाली कंपनियां हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की गारंटी तो मुहैया कराती हैं, लेकिन इन एटीएम को अपडेट करने का जिम्मा बैंकों का होता है। विश्व में ज्यादातर देशों में एटीएम को हर पांच साल में बदला जाता है, लेकिन भारत में एटीएम बदलने में औसतन 10 साल लग जाते हैं। बैंक भी पैसे के खर्च की वजह से अपग्रेड पर ध्यान ही नहीं देते।

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