आर्थिक एवं शैक्षिणिक स्तर को ऊपर उठाने का महत्वपूर्ण कार्य किया – थांवरचन्द गहलोत

थांवरचन्द गहलोत
जयपुर। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थांवरचन्द गहलोत ने कहा है कि राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचा कर उनके सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिणिक स्तर को ऊपर उठाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
गहलोत शनिवार को यहां आयोग की ओर आयोजित ’’विकास की ओर बढ़ते कदम ’’ पुस्तक का विमोचन एवं ’’मोबाइल-एप’’ के लोकार्पण समारोह के अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात खुशी है कि आयोग के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष द्वारा  जिलेवार जनसूनवाई कर लोगों की समस्याओं को मौके पर ही निस्तारण किया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों की मूलभूत सुविधाओं एवं अधिकारों से सम्बधित परिवेदनाओं का तत्काल निस्तारण किये जाने हेतु मोबाइल एप तैयार किया गया जिससे दूर दराज की गरीब जनता एवं सरकार के प्रतिनिधित्व के रूप में अनुसूचित जाति के उपाध्यक्ष से मोबाइल विडियों कॉलिंग के माध्यम से सीधे संवाद कर नवाचार के साथ जो कार्य किया जा रहा है। यह कार्य अत्यन्त सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का सुशासन का लक्ष्य ई-प्रशासन को बढ़ावा देते हुए आयोग द्वारा तैयार किया मोबाइल एप एक उल्लेखनीय कदम है, साथ ही आयोग ने पहली बार अनुसूचित जाति के 40 युवाओं को जिलेवार आजीविका कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर एक नई पहल का कार्य किया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग को राज्य सरकार द्वारा सौंपे गये दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया गया है। अनुसूचित जाति के लोगों में सरकार का संदेश पहुंचाकर एक सराहनीय कार्य किया है।
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री सुन्दरलाल ने कहा कि आयोग ने न केवल राज्य सरकार द्वारा किये गये दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वाह किया है, बल्कि अनेक नवाचारों एवं जिलेवार जनसुनवाई से दूर दराज के अनुसूचित जाति के लोगों को राज्य सरकार की जनकल्याकारी योजनाओं का लाभ पहंचाते हुए उनका सामाजिक, शैक्षिणिक एवं आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने की कार्यवाही के प्रयास किये गये है।
उन्होंने बताया कि मूलभूत सुविधाओं एवं अधिकारों से वचित लोगों की परिवेदनाओं का निस्तारण सम्बन्धित अधिकारियों से करवाते हुए राज्य सरकार को अवगत करवाया गया है साथ ही सरकार के सुशासन के लक्ष्य को अनुसूचित जाति के लोगों तक पहुंचाते हुए सरकार के प्रति अनुसूचित जाति के लोगों का लगाव बढ़ा है एवं उनमें विश्वास पैदा किया है ।
 उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों एक नई पहल करते हुए प्रत्येक जिले में 40 अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आजिविका कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलवाय गया है। उन्होंने कहा कि आयोग की स्थापना 2011 में हुई थी जिसमें आज तक 7 हजार परिवेदनाओं का निस्तारण कर राहत प्रदान की गई।
कार्यक्रम के अतिथि एवं जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने आयोग के कार्यों की प्रशंसा की है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में आयोग के उपाध्यक्ष विकेश खोलिया ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि राज्य के 20 जिलों में जाकर  अनुसूचित जाति के लोगों की जनसूनवाई कर उनकी परिवेदनाओं का मौके पर ही निस्तारण करवा कर उन्हे राहत दिलावई गई  जिससे सरकार व अनुसूचित जाति के प्रति विश्वास व लगाव बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न नवाचारों के साथ दूर दराज के ग्रामीण लोगों की परिवेदनाओं का निस्तारण करने एवं जनता व सरकार के बीच सीधा संवाद हेतु एक मोबाइल-एप तैयार की गई। जिससे सीधे ही उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति के विडियों कॉलिंग संवाद कर परिवेदनाओं का निस्तारण किया जाकर राहत दिलाने का प्रयास किया गया जो राज्य सरकार के सुशासन एवं ई-गर्वनेन्स को अनुसूचित जाति के लोगों तक पहुंचाकर उल्लेखनीय कार्य किया है। जिसकी सभी अतिथिगणों ने प्रशंसा की । आयोग की पुस्तक विकास की ओर बढ़ते कदम में राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याण की योजनाओं का संकलन आयोग द्वारा जिले वार की गई जनसूनवाई में परिवादियों को दी गई राहत व आयोग द्वारा अब तक सफलतापूर्वक राज्य सरकार द्वारा दायित्वों का निर्वहन समाबित किया गया है।
इससे पूर्व मुख्य अतिथियों का आयोजकों द्वारा प्रतीक चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया । कार्यक्रम का शुभारम्भ डॉ. बीआर. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपप्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में आयोग के उपाध्यक्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों पर आधारित फीचर फिल्म का प्रसारण भी किया गया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा आयोग की उपलब्धियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।

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