जयपुर: संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा की अध्यक्षता में उदयसागर झील की राजस्थान झील संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2015 अन्तर्गत अधिसूचना के संबंध में बैठक हुई। इस बैठक में उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, गणेश व्यास, नारायण सिंह चंदाणा, नरपतसिंह राव, अमृतलाल मेनारिया, भोपालसिंह राणावत, शंकरलाल डांगी, मोहन डांगी, नारायणलाल डांगी, प्रभूलाल पुर्बिया, मदन पटेल, हिरालाल जोशी, देवीलाल शर्मा, अशोक नागदा, धर्मपाल मीणा, राजेन्द्र टांक, रामलाल लौहार, मानाराम मीणा, औंकार मेनारिया, उमरडा के अमृतलाल, गणेश व्यास उपस्थित रहे।
बैठक में जिला कलक्टर बिष्णुचरण मलिक, आयुक्त नगर निगम, उपखण्ड अधिकारी गिर्वा, सचिव नगर विकास प्रन्यास, अतिरिक्त मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक के बाद संभागीय आयुक्त ने इस अधिसूचना के संबंध में स्थिति बिंदुवार स्पष्ट की।
झील के पूर्ण भराव क्षमता एवं अधिकतम भराव क्षमता के मध्य जिन किसानों की कृषि भूमियां हैं उनकी खरीद फरोख्त पर किसी भी प्रकार का प्रतिबन्ध अधिसूचना जारी होने के पूर्व था और न ही अधिसूचना जारी होने के बाद रहेगा।
अधिसूचना जारी होने के पश्चात् उक्त क्षेत्र की कृषि भूमियों की किसी भी प्रकार की अवाप्ति की कोई योजना वर्तमान में जारी अधिसूचना के अनुसार नहीं है।
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि झील के पानी को साफ रखने के लिए आरयूआईडीपी के माध्यम से आयड़ नदी में गिर रहे समस्त नालों तथा सिवरेज को ट्रेप करने हेतु नदी के दोनो तरफ ट्रंक लाईन बनाने का कार्य किया जायेगा। 120 करोड़ की लागत से पूरे होने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी है तथा शीघ्र ही कार्य शुरू कर दिया जायेगा।
उदयपुर शहर में वर्तमान में सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता 20 एमएलडी है जिसे बढा कर 60 एमएलडी किया जायेगा। इस कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है तथा 80 करोड़ की लागत से पूरे होने वाले इस कार्य को जल्द ही प्रारम्भ किया जायेगा।
इस प्रकार से निकट भविष्य में आयड़ में प्रवेश होने वाले समस्त सीवरेज के स्रोतों को बन्द कर दिया जायेगा, जिससे उदयसागर झील सदैव साफ एवं स्वच्छ रहेगी।
कोई भी व्यक्ति अपनी आपत्ति 25 जून 2017 तक लिखित में दर्ज करा सकेंगे। इसके उपरान्त प्राप्त सभी आपत्तियों पर राज्य सरकार द्वारा विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
माननीय विधायक फूलसिंह मीणा ने विचार प्रकट किया कि किसानों के हितों का पूर्ण संरक्षण हो, इस बात पर पूर्ण ध्यान रखा जावेगा तथा भ्रांति फैलाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।