प्रदेश को इसी वर्ष बनाएं ओडीएफ – राजेन्द्र राठौड़

प्रदेश को इसी वर्ष बनाएं ओडीएफ
जयपुर, 2 जून। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री  वसुन्धरा राजे के विजन के अनुरूप राजस्थान को दिसम्बर 2017 तक ही खुले में शौच मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि पहले यह लक्ष्य अक्टूबर 2018 तक पूरा करना था लेकिन अब हमें मिशन मोड पर काम करते हुए यह लक्ष्य इस वर्ष के अन्त तक ही हासिल करना है।
राठौड़ शुक्रवार को शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला कलक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस के तहत आयोजित ओरिएंटेशन एण्ड सेंसिटाइजेशन कार्यशाला के पहले सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष में राजस्थान शौचालय निर्माण में देशभर में अव्वल रहा है और राष्ट्रीय प्रतिशत 64 के मुकाबले हमने 70 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि केन्द्र से योजना राशि की द्वितीय किस्त प्रप्त करने के लिए अब तक हुए कामों का वेरिफिकेशन, जियोटेगिंग, कार्य पूर्णता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों की जानकारी अपलोड कराने सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वेरिफिकेशन के काम में तेजी लाएं ताकि जहां शौचालय निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है, उन पंचायतों तथा जिलों को शीघ्र ओडीएफ घोषित किया जा सके। उन्होंने जिला कलक्टर्स को सामुदायिक शौचालयों के प्रस्ताव भिजवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान की कामयाबी के लिए जिला स्वच्छता भारत प्रेरकों का पूरा सहयोग लें। उन्होंने अभियान में कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों को विशेष प्रयास करने को कहा।
स्वच्छ भारत मिशन के संयुक्त सचिव अरुण बारोका ने कहा कि  जो भी जिला खुले में शौच मुक्त होगा, सम्बन्धित जिला कलक्टर को इसका स्वहस्ताक्षरित प्रमाण पत्र निर्धारित वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिए आईईसी गतिविधियों पर विशेष जोर देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शौचालय का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ओडीएफ हो चुके ग्रामों को पाइप वाटर स्कीम से जोड़ने में प्राथमिकता दी जाए और इसी तरह जहां पाइप वाटर स्कीम पहले से है, उन्हें ओडीएफ बनाने में प्राथमिकता  दी जाए।
प्रमुख शासन सचिव, स्थानीय निकाय विभाग मंजीत सिंह ने नगरीय क्षेत्र में संचालित स्वच्छ भारत अभियान के सम्बन्ध में जानकारी दी एवं जिला कलक्टरों को अपेक्षाएं बताई। निदेशक, स्वच्छता एवं पंचायती राज  आरुषि ए. मलिक ने अभियान में राजस्थान की स्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
कलक्टर जिले को बनाएं निवेश अनुकूल : उद्योग मंत्री
बैठक के ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, रिसर्जेंट राजस्थान एवं ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट’ से सम्बन्धित द्वितीय सत्र में उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि राजस्थान ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग के मामले में लीडर स्टेट बन गया है। उन्होंने कहा कि निवेश एवं औद्योगिक वृद्धि के लिए यह सुखद संकेत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिए रिसर्जेंट राजस्थान, ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट तथा अन्य माध्यमों के जरिए आए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए जिला स्तर पर लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करें। साथ ही नए निवेश प्रस्तावों के लिए उद्यमियों को प्रेरित करें।
शेखावत ने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए सभी राज्यों में होड़ मची हुई है, ऎसे में यह चुनौती है कि किस तरह से हम राजस्थान में अधिक से अधिक निवेश लाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कलक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण है, वे अपने-अपने जिलों में सिंगल विण्डो सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ ही अन्य सुविधाएं विकसित कर जिले को निवेश के अनुकूल बनाएं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग, राजीव स्वरूप ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, रिसर्जेंट राजस्थान तथा राजस्थान में निवेश की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया । साथ ही प्रमुख शासन सचिव, कृषि श्रीमती नीलकमल दरबारी ने ग्राम-2016 तथा ग्राम-2017 पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने ग्राम के दोनों सत्रों में आए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए जिला कलक्टरों को जिला स्तर पर आवश्यक कार्यवाही शीघ्र करने के निर्देश दिए।
सोशल मीडिया का हो प्रभावी उपयोग
बैठक के तृतीय सत्र में शासन सचिव, सूचना एवं जनसम्पर्क अरिजीत बनर्जी ने समस्याओं के समाधान के लिए सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग करने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉम्र्स का उपयोग करें ताकि लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान होने के साथ ही उन्हें विकास कार्यक्रमों की भी पूरी जानकारी उनके स्तर से मिल सके।
उन्होंने कहा जिला कलक्टर जिला स्तर पर संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स के लिए राज्य सरकार के अधिकृत पोर्टल एवं अन्य अधिकृत वेब माध्यमों से ही सूचनाएं लें। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर नियमित रूप से नेगेटिव न्यूज मॉनिटरिंग सिस्टम को भी फॉलो करें। साथ ही जिलों में संचालित केबल टीवी की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें ताकि भ्रामक सूचनाओं के प्रसारण से बचा जा सके। उन्होंने सीमावर्ती जिलों में इस पर विशेष ध्यान देने को कहा।

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