राज्य वित्त आयोग के इतिहास में पहली बार धौलपुर जिला मुख्यालय पर हुई पूर्ण बैठक

धौलपुर जिला मुख्यालय पर हुई पूर्ण बैठक
जयपुर। राज्य वित्त आयोग ने पहली बार राजधानी से बाहर पूर्ण बैठक की और धौलपुर जिले के पंचायतीराज और शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति जानी तथा पेयजल, साफ-सफाई,प्रकाश व्यवस्था के सम्बन्ध में इन निकायों द्वारा किए जा रहे कायोर्ं का फीडबैक लिया।
आयोग की अध्यक्ष डॉ0 ज्योति किरण ने बताया कि ग्राम पंचायत के निर्णय का अर्थ ग्राम सभा का निर्णय है। ग्राम सभा की नियमित बैठक हो तथा ग्राम पंचायत के समग्र विकास पर बिन्दुवार चर्चा हो तो गॉंव में कोई समस्या ही नहीं रहे। आयोग के सदस्य तथा राजाखेडा विधायक प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि ग्राम सभा की बैठक के एजेन्डे को ग्रामीणों को समय रहते बताये ताकि वे ग्राम सभा में विकास के सुझाव और योजना बनाकर लायें।
खर्च समय पर नहीं तो अगली किश्त नहीं- आयोग अध्यक्ष ने बताया कि राज्य वित्त आयोग से मिले पैसे को ग्रामीण विकास के लिए समय पर खर्च करे। जो संस्था इस धनराशि का 60 प्रतिशत से कम खर्च करेगी उसे किसी भी सूरत में अगली किश्त जारी नहीं की जायेगी।
बोर्ड पर लिखें कि किस मद का पैसा है-अध्यक्ष डॉ0 ज्योति किरण ने निर्देश दिए कि राज्य वित्त आयोग से पैसा मिलते ही ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगरपालिका के नोटिस बोर्ड पर पेंट कर लिखायें कि कितनी धनराशि मिली है। इस मद से कहीं भी विकास कार्य करवायें तो कार्य स्थल पर बोर्ड पर लिखवायें कि आयोग से मिले धन से यह कार्य हो रहा है तथा इसकी लागत तथा कार्य डेडलाइन यह है। आयोग के पैसे से सम्बन्धित आय-व्यय रजिस्टर को ठीक से संधारित करें तथा अपडेट रखें।
ऑडिट समय पर हो-प्रद्युम्न सिंह ने निर्देश दिए कि इन संस्थाओं को आयोग से मिले धन की ऑडिट समय पर करवायें अन्यथा अगली किश्त जारी करने में समस्या आयेगी।
पेयजल, सफाई और प्रकाश के लिए धन की कमी नहीं- डॉ0 ज्योति किरण ने बताया कि गॉंव में पेयजल समस्या हो तो पॉंचवें वित्त आयोग से मिली हिस्सा राशि का उपयोग करें। इस पैसे से स्ट्रीट लैम्प भी लगा सकते हैं। मनरेगा में सफाई कार्मिकों को लगायें। धौलपुर पंचायत समिति की 12 ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री स्वच्छ ग्राम योजना में पहले से ही सफाई कार्मिक लगे हुए हैं।
जिला प्रमुख डॉ0 धर्मपालसिंह की मॉंग पर अध्यक्ष ने जिले के सभी अटल सेवा केन्द्रों पर जल्द ही विद्युत कनेक्शन करने के लिए सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिए। राजाखेडा प्रधान चारू तोमर और बाडी प्रधान पूजा मीणा ने ग्राम पंचायतों में पेयजल और साफ-सफाई की समस्या के स्थायी समाधान की मॉंग की। धौलपुर प्रधान मोनू जादौन और जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष महेश बोहरे ने लाल बजरी और सफेद बजरी से जुडी समस्या का स्थायी समाधान करने की मागॅं की।
आयेग के सदस्य सचिव एस सी देराश्री ने बताया कि आयोग को संवैधानिक दर्जा हासिल है। यह राज्य सरकार को स्थानीय निकायों को आर्थिक सहायता का फार्मूला सुझाता है। आयोग 2 अन्तरिम रिपोर्ट दे चुका है। अन्तिम रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिलों का दौरा कर फीडबैक लिया जा रहा है। बैठक में धौलपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कानाराम, अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी रामस्वरूप चौहान, हिनौता सरंपच जयवीरसिंह पोषवाल, सादिकपुर, मढाभऊ, सिंघावली बरेह सरपंच, विकास अधिकारी भी उपस्थित थे।

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