जयपुर: उद्योग आयुक्त कुंजी लाल मीणा ने कहा है कि राज्य के हस्तशिल्पियों, हथकरधा बुनकरों और दस्तकारों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष राज्य व जिला स्तर पर 198 मेला प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही राज्य के बाहर दिल्ली हाट के साथ ही नई दिल्ली में आयोजित अन्तरराष्टीय व्यापार मेले, हैदराबाद, मुम्बई सहित अन्य स्थानों पर आयोजित प्रदर्शनियों में भी हस्तशिल्पियों व दस्तकारों को अवसर दिलाया जाएगा।
मीणा ने मंगलवार को उद्योग भवन में उद्यम प्रोत्साहन संस्थान के शाषी परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के नायाब हस्तशिल्प और दस्तकारी उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग को देखते हुए उन्हें विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला उद्योग केन्द्रों को खास प्रयास करने होंगे।
आयुक्त ने बताया कि जयपुर, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर भिवाडी और अलवर में उत्पादक व उपभोक्ता यानी कि क्रेता औा विक्रेताओं के सम्मेलन आयोजित कर एक दूसरे को समझने, एक दूसरे की मांग के अनुसार उत्पाद तैयार कर उपलब्ध कराने का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्रों को निर्देश दिए कि राज्य के अरबन हाटों और ग्रामीण हाट को आमनागरिकों व हस्तशिल्पियों और दस्तकारों को जोड़ने का माध्यम बनाए ताकि शिल्पियों व दस्तकारों को विपणन सहयोग और आमनागरिकों को गुणवत्तायुक्त उत्पाद उचित मूल्य पर मिल सके।
उद्यम प्रोत्साहन संस्थान के प्रबंध संचालक डीसी गुप्ता ने बताया कि राज्य में उद्योग विभाग द्वारा जयपुर सहित 15 स्थानों पर अरबन हाट और अन्य स्थानों पर ग्रामीण हाट संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 अरबन हाटों में 140 मेला प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा वहीं 48 जिला स्तरीय मेला प्रदर्शनियों का आयोजन कर आर्टिजनों को अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
उद्यम प्रोत्साहन संस्थान के अधिशाषी निदेशक संजीव सक्सैना एवं एसएस शाह ने संस्थान की इस वर्ष की कार्ययोजना प्रस्तुत की। बैठक में नेशनल इंंस्टिट्यॅट ऑफ फैशन डिजाइनिंग की निदेशक तुलिका गुप्ता ने एनआईएफडी के शिल्पकारों व दस्तकारों को भी जोड़ने का सुझाव दिया।